अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहे लावारिस लाशों के तारणहार मोहम्मद शरीफ, गरीबी और मुफलिसी के बीच पद्मश्री अवार्ड का इंतजार
- 25 हजार से ज्यादा लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने वाले मोहम्मद शरीफ चाचा (Mohammad Sharif) गम्भीर रूप से बीमार
- इलाज के नहीं हैं पैसे, घर में पड़े हैं अकेले
- 2020 में मिला था पदमश्री, उसे भी लेने नहीं जा सके दिल्ली

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
अयोध्या. लावारिस लाशों के मसीहा कहे जाने वाले और पद्मश्री के लिये नामित समाजसेवी मोहम्मद शरीफ (Mohammad Sharif) (शरीफ चचा) पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे हैं। इन दिनों वह चलने फिरने में भी असमर्थ हैं और बेबसी-मुफलिसी के चलते वह बिस्तर पर जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से उनका स्वास्थ्य ज्यादा खराब है और प्रशासन तक जब इसकी सूचना पहुंची तो दवा और इलाज की व्यवस्था करवाई गई। फिलहाल घर पर ही उनका इलाज किया जा रहा है। 85 साल के पद्मश्री मोहम्मद शरीफ करीब 30 सालों से लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार का काम करते हैं। वह अब तक 25 हजार से ज्यादा लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। मोहम्मद शरीफ ने 28 साल पहले अपने बड़े बेटे मोहम्मद रईस की हादसे में मौत हो जाने के बाद यह काम शुरू किया था। जिसके कारण वह पूरे देश में चर्चा में आये और सरकार ने उन्हें पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित करने का भी निर्णय लिया। 30 जनवरी 2020 को पद्मश्री अवार्ड के लिए चयनित होने का उन्हें पत्र मिला। अवार्ड लेने उन्हें 20 मार्च को दिल्ली जाना था लेकिन कोरोना महामारी के कारण कार्यक्रम टल गया। अब शायद उकी निगाहों को उस अवार्ड के मिलने का ही इंतजार है जो कोरोना के कारण नहीं मिल सका।
बेटे की कर दी गई थी हत्या
दरअसल मोहम्मद शरीफ के 28 वर्षीय बड़े बेटे की सुल्तानपुर की एक ट्रेन में हत्या कर दी गई थी। मोहम्मद शरीफ के बेटे की हत्या इसलिए कर दी गई थी क्योंकि वो, किसी मजलूम की इज्जत-आबरू और सम्मान को बचाना चाहता था। हत्या के बाद मोहम्मद शरीफ के बेटे को रेल की पटरियों के किनारे फेंक दिया गया और लावारिस समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि बाद में पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए इनके बेटे की शर्ट के कॉलर के नीचे लगे हुए स्टीकर से शरीफ को खोजा था और उनके घर पहुंची थी। उसी दिन के बाद से मोहम्मद शरीफ ने तय किया कि कोई भी लावारिस लाश हो उसका अंतिम संस्कार वो करेंगे। वो अब तक 25 हजार से ज्यादा लावारिस लाशों का उनके धर्मों के अनुसार अंतिम संस्कार कर चुके हैं।
एक बेटा बाइक मैकेनिक, दूसरा ड्राइवर
आपको बता दें कि मोहम्मद शरीफ पेशे से साइकिल मिस्त्री हैं। इस समय उनका स्वास्थ्य खराब है। इनके तीन में से दो बेटे सगीर ओर मोहम्मद अशरफ हैं। लोगों के अनुसार पिछले पांच महीनों से दोनों बेटे उनका इलाज करवा रहे हैं। एक बेटा मोहम्मद अशरफ बाइक मैकेनिक है और दूसरा मोहम्मद सागीर प्राइवेट ड्राइवर है। दोनों ही बेटों की आमदनी ठीक नहीं है। वहीं उनके बीमार होने की सूचना पर जब प्रशासन को लगी तो डीएम अनुज कुमार झा ने एडीएम सिटी को मदद के लिए निर्देश दिया। डीएम के निर्देश पर एडीएम सिटी वैभव शर्मा और जिला अस्पताल की एक टीम उनके घर गई। यहां मोहम्मद शरीफ को दवा दवाइयां देकर उनका चेकअप किया गया। जिला अस्पताल के डॉक्टर वीरेंद्र वर्मा का कहना है कि मो. शरीफ चचा के पेट मे सूजन है। उनका बेहतर इलाज किया जा रहा है। वहीं, एडीएम सिटी वैभव शर्मा ने बताया कि तबीयत पहले से बेहतर है। उम्र की भी समस्या है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए जो प्रशासन से मदद होगी वह किया जा रहा है।
पद्मश्री अवार्ड का इंतजार
मोहम्मद शरीफ ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें इस अवॉर्ड से सम्मानित करें। लेकिन, आज तक उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हुई है। पद्मश्री मोहम्मद शरीफ चाचा ने बताया कि सर्दी की वजह से उनके सीने में ज्यादा दर्द है। अभी तक पद्मश्री अवार्ड भी नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि सरकार से घर और पेंशन बांधने की भी गुहार लगाई है। उनके बेटे मोहम्मद अशरफ का कहना है कि पिछले पांच माह से अब्बू की तबीयत ठीक नहीं है। किसी तरह बस इलाज करवाया जा रहा है। रहने के लिए भी खुद का घर नहीं है। एक छोटा सा घर किराए पर है, जिसमें परिवार के 20 सदस्य रहते हैं। उन्होंने सरकार से मदद की अपील करते हुए कहा कि सरकार आर्थिक मदद के साथ घर भी उपलब्ध कराए। उन्होंने बताया कि अभी तक उन्हें पद्मश्री अवार्ड नहीं मिला है। बस इतना पता है कि उनका नाम पद्मश्री अवार्ड के लिए आया है। अब उनकी ख्वाहिश है कि उनको सरकार की तरफ से कोई घर मिल जाये और एक पेंशन बांध दी जाए।
मोहम्मद शरीफ का हालचाल लेने पहुंचे पूर्व मंत्री
वहीं पद्मश्री मोहम्मद शरीफ के बीमार होने की जानकारी मिलने पर पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय उनका हालचाल जानने उनके घर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने आर्थिक मदद भी प्रदान की। पूर्व मंत्री ने कहा कि मोहम्मद शरीफ को पूरा देश जानता है, वह अब तक 25 हजार से ज्यादा लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। पद्मश्री मोहम्मद शरीफ आज बीमार हैं, और उनको कोई मदद नहीं मिल रही। यह बेहद अफसोस की बात है। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर भी कई आरोप लगाए। पूर्व मंत्री ने कहा कि पद्मश्री बुजुर्ग का यह सरकार हालचाल तक नहीं ले रही है। पूर्व मंत्री आगे भी मदद का भरोसा दिलाया।
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