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1400 वर्ग मीटर में बनेगी इबादतगाह, जमीन पर बनेगा बड़ा सा अस्तपाल

locationअयोध्याPublished: Aug 23, 2020 01:24:08 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Sunni Central Waqf Board) को मस्जिद के लिए मिली पांच एकड़ जमीन में से 1400 वर्गमीटर जमीन में मस्जिद का निर्माण किया जाएगा। इतने क्षेत्रफल में ही बाबरी मस्जिद थी

1400 वर्ग मीटर में बनेगी इबादतगाह, जमीन पर बनेगा बड़ा सा अस्तपाल

1400 वर्ग मीटर में बनेगी इबादतगाह, जमीन पर बनेगा बड़ा सा अस्तपाल

अयोध्या. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Sunni Central Waqf Board) को मस्जिद के लिए मिली पांच एकड़ जमीन में से 1400 वर्गमीटर जमीन में मस्जिद का निर्माण किया जाएगा। इतने क्षेत्रफल में ही बाबरी मस्जिद थी। अन्य क्षेत्र में अस्पताल, लाइब्रेरी की भी व्यवस्था रहेगी। मस्जिद निर्माण के लिए बनाए गए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि यहां सबसे बड़ा प्रोजेक्ट हॉस्पिटल है। उन्होंने बताया कि जल्द फाउंडेशन में अयोध्या का प्रतिनिधित्व भी दिखेगा।
ट्रस्ट जल्द फाइनल करेगा डिजाइन

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मिली मस्जिद निर्माण की पांच एकड़ जमीन पर कब्जा मिलने के बाद शनिवार को ड्राफ्ट्समैन टीम साइट पर पहुंची। धन्नीपुर गांव में मस्जिद की जमीन का टोपोग्राफी नक्शा तैयार करने के लिए मौके पर नापजोख की गई। टीम के सदस्यों ने मस्जिद साइट से करीब 500 मीटर की दूरी पर स्थित सरयू तट का भी निरीक्षण किया। इसके साथ प्रोजेक्ट लाॅन्च करने की तैयारी शुरू हो गई। हुसैन ने बताया कि टोपोग्राफी नक्शा तैयार कर इसे दिल्ली के तीन नामी आर्किटेक्ट के पैनल के पास भेजा जाएगा। जो पांच एकड़ जमीन पर लाॅन्च किए जाने वाले प्रोजेक्ट की आर्किटेक्ट डिजाइन तैयार कर इस पर आने वाले खर्च का एस्टीमेट तैयार करके मस्जिद के ट्रस्ट को सौंपेंगे। उनमें से एक आर्किटेक्ट डिजाइन को मस्जिद ट्रस्ट फाइनल करेगा।
हुसैन ने कहा कि मस्जिद निर्माण के लिए एक अलग बैंक खाता खोला गया है। इसी में मस्जिद से जुड़ा धन एकत्रित किया जाएगा। हालांकि, वर्तमान में खाते में पैसा नहीं है फिर भी लोगों के सहयोग से मस्जिद के प्लान की आर्किटेक्ट डिजाइन तैयार करवाई जा रही है।
जमीन पर बनेगा बड़ा अस्पताल

हुसैन ने कहा कि जमीन पर सबसे बड़ा प्रॉजेक्ट अस्पताल का बनेगा। यहां के लोगों की मांग अस्पताल की है। इसके अलावा कल्चरल रिसर्च सेंटर व कम्युनिटी किचन के हैं। इंडो इस्लामिक कल्चर की गंगा जमुनी साझेदारी के विषयों के साथ रहीम रसखान कबीर जैसे विभूतियों पर भी शोध के लिए कल्चरल सेंटर बनेगा। इसमें आधा दर्जन शोध स्कालरों के लिए रहने और रिसर्च के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था रहेगी। यह सेंटर यूजीसी के मानक पर बनेगा।

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