चार मांगों को लेकर अयोध्या से कृष्ण जन्मभूमि तक जाएगी यात्रा श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति दल की महत्वपूर्ण बैठक अयोध्या में आयोजित की गई जिसमें संगठन के प्रमुख राजेश मणि त्रिपाठी सहित दर्जनों पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिसमें बताया गया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि काशी विश्वनाथ मुक्ति को लेकर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत द्वितीय चरण की यात्रा को लेकर विचार विमर्श किया गया है। राष्ट्रीय पदाधिकारियों के द्वारा द्वितीय चरण के यात्रा की तारीख तय की गई। 17 अप्रैल कृष्ण पक्ष को 4 सूत्रीय मांगों को लेकर अयोध्या से काशी तक श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति दल की यात्रा जाएगी। इसमें बड़ी संख्या में लोगों को शामिल होने के लिए आमंत्रित भी किया जाए। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति दल के 4 सूत्री मांगों में बताया गया कि गौ हत्या पर पूर्णता पूर्ण प्रतिबंध लगे, श्री कृष्ण जन्म भूमि तथा काशी से अतिक्रमण हटाकर देवस्थान के समस्त भूमि हिंदू समुदाय को सौंपी जाए, सभी मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए तथा वैदिक बोर्ड का गठन किया जाए, भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए तथा हिंदू राष्ट्र का नया संविधान बनाया जाए।
श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति दल के कार्यक्रम में सीएम योगी भी हो सकते हैं शामिल श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति दल के प्रमुख राजेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि इस साल की होली मथुरा में मनाएंगे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करेंगे, जिस तरीके से अयोध्या में योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव का कार्यक्रम किया ठीक उसी तरह इस साल होली में बृज की होली को राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में लाया जा सके। ऐसा प्रयास हम लोग करेंगे। साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियों से हमारी मांग है कि हमारे धर्म स्थानों से संत समाज के ही लोगों को टिकट दिया जाए ताकि धार्मिक आस्था को बल मिल सके चाहे वह किसी पार्टी को ही हो हम उनका समर्थन करेंगे।
सख्त सुरक्षा के बाद भी 25000 भक्त पहुंचे थे मथुरा वही राजेश मणि त्रिपाठी ने बताया कि 29 नवंबर की अर्धरात्रि में गिरफ्तार कर लिया गया। तथा हमारे लोगों को जगह जगह रोका दिया गया और मथुरा से धारा 144 लगाकर पूरे मथुरा को छावनी में तब्दील कर दिया गया उसके बावजूद भी 25000 लोग मथुरा में पहुंचे जबकि उस यात्रा को लेकर हमारी वार्ता लगातार आईजी लॉ इन ऑर्डर लेकर सभी सक्षम अधिकारियों से हो रही थी। हम लोगों का मस्जिद की तरफ जाने का ना तो कोई प्रस्ताव था ना तो मंशा थी, ना ही हम लोगों ने जलाभिषेक जैसे किसी कार्यक्रम की घोषणा नहीं की थी परंतु हमारे कार्यक्रम को रोकने का सरकार द्वारा कुत्सित प्रयास किया गया। और हमें बदनाम करने की कोशिश की गई हमारे राष्ट्रीय पदाधिकारियों की इस बैठक में निर्णय लिया गया।