निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता प्रभात सिंह ने रहस्य उद्घाटन करते हुए कहा कि जब हनुमानगढ़ी के महंत ज्ञानदास ने समझौते का पहल किया था, तभी यह तय हुआ था, की अयोध्या के अड़गड़ा मोहल्ले में स्थित हनुमान गढ़ी के अभिलेखों में दर्ज जर्जर मस्जिद को बनवा दिया जाए और राम जन्मभूमि परिसर में रामलला का भव्य मंदिर निर्माण हो, उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का स्वागत किया है और आशा व्यक्त की है कि शीघ्र ही
राम मंदिर मसले का हल निकल आएगा और जब लोग मिल बैठकर सुलह समझौता कर लेंगे, तो यह विवाद हमेशा हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्मोही अखाड़ा ने सीजीआई, पीएमओ और राष्ट्रपति को पहले ही पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वरिष्ठ लोगों की देखरेख में अयोध्या विवाद का सुलह समझौते से हल निकाला जाए, इसलिए आज सर्वोच्च न्यायालय के कदम पर हम सभी आशा भरी दृष्टि से प्रसन्नता व्यक्त करते हैं।