राम जन्म भूमि मामले की परोकारी को लेकर आमने सामने हैं महंत दिनेद्र दास और महंत राम दास निर्मोही अखाड़े की अयोध्या शाखा के महंत दिनेन्द्र दास के वकील तरुण वर्मा ने बताया कि 10 अप्रैल 1990 में ही हाई कोर्ट ने यह तैय कर दिया था कि अयोध्या में स्थित निर्मोही अखाड़े के महंत ही राम जन्मभूमि के पक्षकार होंगे जो कि निर्मोही अखाड़ा के सरपंचो के दवारा निर्धारित अयोध्या के महंत दिनेन्द्र दास बनाये गए है और वही इस मामले के निर्मोही अखाड़े के मुख्य पक्षकार है . बैठक में पंचों ने यह तय किया गया फैजाबाद में स्थित नाका हनुमान गढ़ी जो कि निर्मोही अखाड़े की ही एक शाखा है वहन से महंत राम दास को हटाने के लिए कानूनी कार्यवाही की जाएगी . बैठक में निर्मोही अखाड़े की अयोध्या शाखा के महंत देवेंद्र दास,डाकोर गुजरात से आए निर्मोही अखाड़े के सरपंच महंत राजा रामचंद्राचार्य जी महाराज , उपसरपंच चित्रकूट नरसिंह दास जी ,छतरपुर मध्य प्रदेश से आए महंत भगवानदास, झगडिया मढ़ी गुजरात से आए महंत जगदीश दास ,वृंदावन से आए महंत मदन मोहन दास, गोवर्धन से आए सीताराम दास जी महाराज, पालनपुर गुजरात से आये महंत रामचंद्र दास ,कलोल गुजरात से आए महंत राम मनोहर दास , गुप्तार घाट फैजाबाद के महंत घनश्याम दास ,ग्वालियर से महंत रामसेवक दास मौजूद रहे .
महंत राम दास ने कहा कूट रचित दस्तावेजों के जरिये फैलाया जा रहा भ्रम करूँगा कोर्ट में केस इस पूरे मामले पर नाका हनुमान गढ़ी के वर्तमान महंत और स्वर्गीय महंत भास्कर दास के शिष्य महंत राम दास ने बताया कि निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास पूर्ण रूप से अवैध महंत है और उन्होंने गलत दस्तावेजो को तैयार कर कूट रचना कर महंत दिनेन्द्र दास खुद को राम जन्मभूमि मामले का पैरोकार बता रहे हैं और अब वह स्वयम भी महंत दिनेद्र दास के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएंगे .