अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदी निर्मोही अखाड़ा के सरपंच राजा रामचंद्राचार्य के अधिवक्ता प्रतिमा जैन बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना रिव्यू पिटिशन दायर के लिए अर्जी दी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदी निर्मोही अखाड़ा के सरपंच की बैठक अयोध्या शाखा में किया गया था जिसमें सभी पंचों द्वारा पीएम मोदी से मुलाकात कर अपने पक्ष को रखने के लिए 1 हफ्ते का समय मांगा था लेकिन मुलाकात ना होने के कारण निर्मोही अखाड़ा अब कोर्ट का सहारा लिया है। जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
निर्मोही अखाड़े के प्रवक्ता तरुणजीत वर्मा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिये गए फैसले में अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए रिव्यू दाखिल किया गया है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में केंद्र सरकार को राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए धारा 6 के अंतर्गत ट्रस्ट के गठन किया जाना है जिसको लेकर कोर्ट ने पैरा 804 में राम जन्मभूमि विवाद में निर्मोही अखाड़ा की उपस्थिति को स्वीकार किया है। और सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत सरकार द्वारा बनाने वाले ट्रस्ट में अखाड़े को महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करने का आदेश दिया है। अधिवक्ता के अनुसार कोर्ट से अखाड़े को दिए गए अधिकारों को (एप्रोप्रियेट रोल) विस्तारपूर्वक कर दिया जाने की मांग की है जिससे भविष्य में किसी प्रकार से पुनः विवाद पैदा ना हो सके।