जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने कहा कि विभिन्न शासकीय संस्थाओं व अर्ध शासकीय संस्थाओं के सहयोग से इन महिलाओं को न्याय दिलाना ही हमारा प्रयास हैं और इन बंदियों को बेहतर सुविधा दिलाना और अछे संसथान में विस्थापित करना हैं लेकिन पहला प्रयास हैं कि यह महिलाए व युवातियाँ अपने घर जाए लेकिन यदि अपने घर जाने सक्षम नहीं होती हैं तो फिर शासन द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं के तहत चल रहे विभिन्न संस्थाएं हैं वहीं पर रखा जाएगा. लेकिन इनके भविष्य को लेकर जैसे शिक्षा व विवाह के लिए अभी कोई आदेश नहीं उपलब्ध हैं.