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अयोध्या में ‘दीपोत्सव’, दीपावली पर एक हजार ड्रोन पैदा करेंगे त्रेतायुग की जादुई आभा

locationअयोध्याPublished: Sep 28, 2021 03:47:06 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

One Thousand Drones Will Create Magical Aura of Tretayug on Diwali- ‘दीपोत्सव’ के चलते इस साल अयोध्या में एक शानदार एयर शो होगा, जिसमें सैकड़ों ड्रोन आसमान में चमकदार आकृतियां बनाएंगे।

One Thousand Drones Will Create Magical Aura of Tretayug on Diwali

One Thousand Drones Will Create Magical Aura of Tretayug on Diwali

अयोध्या. One Thousand Drones Will Create Magical Aura of Tretayug on Diwali.दीपोत्सव’ के चलते इस साल अयोध्या में एक शानदार एयर शो होगा, जिसमें सैकड़ों ड्रोन आसमान में चमकदार आकृतियां बनाएंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 800-1,000 ड्रोन एक साथ ‘त्रेता युग’ की जादुई आभा पैदा करने के लिए उड़ान भरेंगे, जो 14 साल के वनवास के बाद सीता के साथ भगवान राम की घर वापसी का प्रतीक है। इस मौके पर एक साथ नौ लाख दीयों को जलाया जाएगा। दीपोत्सव के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अयोध्या में होंगे। एरियल ड्रोन शो में भगवान राम के चरित्र को दर्शाया जाएगा। इस बार सात से दस दिन का दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और दीपोत्सव की तैयारियों के नोडल अधिकारी विशाल सिंह ने कहा कि परियोजना के सरकार के सामने प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है ताकि उसे मंजूरी मिल सके। जिसके बाद जल्द ही एक अंतिम निर्णय लिया जाएगा। राज्य सरकार की योजना सरयू नदी के घाटों को 7.5 लाख दीयों से रोशन करने और 5.5 लाख दीयों के अपने पहले के रिकॉर्ड को तोडऩे की है। 3 नवंबर को दिवाली की पूर्व संध्या पर होने वाला यह ‘दीपोत्सव’ योगी आदित्यनाथ सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी मेगा इवेंट होगा। आदित्यनाथ ने 2017 में ‘दीपोत्सव’ कार्यक्रम शुरू किया था जब वह मुख्यमंत्री बने थे और पिछले कुछ वर्षों में यह आयोजन बड़े पैमाने पर हुआ है।
जीर्ण-शीर्ण मंदिरों की मरम्मत शुरू

इस बीच, जिला प्रशासन ने सरयू तट पर कुछ जीर्ण-शीर्ण मंदिरों की मरम्मत शुरू कर दी है, जिसमें पत्थर की धूल और चूने के साथ गुड़ मिलाकर पेस्ट बनाने की वैदिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार चाहती है कि अयोध्या में इस साल ‘दीपोत्सव’ हर साल से ज्यादा भव्य हो क्योंकि राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है।
इनसेट
प्रदेश के पहले रामायण थीम पार्क की हुई शुरुआत

कानपुर. प्रदेश के पहले रामायण थीम पार्क की शुरुआत हो चुकी है। पार्क का सफल ट्रायल पूरा हो चुका है। जल्द ही इसे दर्शकों के लिए खोल दिया जाएगा। आम पार्क से अलग इस पार्क में त्रेतायुग के डिजिटल दर्शन दर्शकों को कराए जाएंगे। इसमें श्रीराम के जीवन, रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास का जीवन, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड को डिजिटली देखा और पढ़ा जा सकता है। यह थीम पार्क कानपुर के मोती झील स्थित तुलसी उपवन पार्क में छह करोड़ की लागत से बना है।
सक्रीन पर दिखेगा श्रीराम का पूरा जीवन

भगवान श्रीराम का पूरा जीवन डिजिटल माध्यम से दिखाया जाएगा। स्क्रीन पर करीब तीन करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं जिस पर श्रीराम का जन्म से लेकर वनवास तक का पूरा जीवन दिखाया जाएगा। थीम पार्क के इनडोर हॉल में चार बड़ी स्क्रीनों पर 15 मिनट की पूरी स्टोरी में श्रीराम के जन्म से लेकर उनके वनवास तक के जीवन को दिखाया गया है। इसमें चित्रकूट और अयोध्या को दर्शाया गया है। थीम पार्क में तीन पेज में हनुमान चालीसा और 12 पेज में सुंदरकांड को भी डिजिटली पढ़ा जा सकता है। थीम पार्क के निर्माण से जुड़े मुकुल रावत ने कहा कि डिजिटल मूवी को तैयार करने में पांच महीने का वक्त लगा है। तैयार की गई मूवी खुद ही उन्होंने पूरी डिजाइन की है।
रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास का भी देख सकेंगे जीवन

स्क्रीन पर श्रीराम के जीवन के साथ रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास के जीवन को भी दिखाया गया है। 17.57 मिनट की मूवी में दर्शाया गया है कि कैसे तुलसी जी ने अपने बचपन के नाम ‘रामबोला’ से लेकर तुलसीदास बनने तक के सफर को पूरा किया। कब चित्रकूट में बैठकर तुलसीदास ने रामचरित मानस लिखी। इसके अलावा मूवी में कानपुर से लेकर चित्रकूट और सरयू के घाटों के अद्भुत नजारों को दिखाया गया है। कनक मंदिर, भारद्वाज ऋषि के आश्रम के अनछुए पहलुओं, बिठूर स्थित सीता रसोई और लव-कुश आश्रम के भी दर्शन मूवी के माध्यम से होंगे।
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