scriptAyodhya Development : तीर्थ नगरी बनेगी अयोध्या, पुराणों में दर्ज नगरी के लिए संतों से मांगी राय | Opinion sought from saints for Ayodhya city recorded in Puranas | Patrika News

Ayodhya Development : तीर्थ नगरी बनेगी अयोध्या, पुराणों में दर्ज नगरी के लिए संतों से मांगी राय

locationअयोध्याPublished: Mar 05, 2021 11:23:51 am

Submitted by:

Satya Prakash

राम नगरी के विकास पर तैयार हो रही विजन डॉक्यूमेंट, जल्द पहुंचेगी अयोध्या

पुराणों में दर्ज अयोध्या नगरी के लिए संतों से मांगी राय

पुराणों में दर्ज अयोध्या नगरी के लिए संतों से मांगी राय

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
अयोध्या. राम नगरी अयोध्या को तीर्थ व ऐतिहासिक नगरी बनाये जाने की तैयारी शुरू कर दिया गया है। जिसके लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाओं पर स्वीकृति दे दी है तो वहीं अब पूरी अयोध्या नगरी के कायाकल्प के लिए विजन डाक्यूमेंट् बनाया जा रहा है। जिसके लिए संतों से भी राय ली जा रही है।
संतों की कल्पना पर आधुनिक सुविधा युक्त त्रेतायुग की अयोध्या बने जिसका प्रयास किया जा रहा है। और केंद्र और प्रदेश सरकार प्राचीन नगरी अयोध्या के पौराणिक महत्व को ध्यान में रखते हुए इसका विकास कर रही है. रामायण सर्किट के तहत उन सभी स्थलों से अयोध्या पहुंचने के मार्ग सुगम किए जा रहे हैं जहां भगवान राम के चरण पड़े थे. इसके साथ ही अयोध्या विकास प्राधिकरण अयोध्या के पौराणिक महत्व के आधार पर शहर का विकास करना चाहता है. जिसके लिए रामनगरी के संतों के विचार आमंत्रित किए जा रहे हैं. इसी के तहत आज अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अयोध्या के संतों महंतों व धर्माचार्यों के साथ बैठक की. जिसमे में अयोध्या के तीर्थ महत्व के मुताबिक विकास को लेकर संतों के साथ समन्वय स्थापित करने के विषय पर चर्चा हुई. और रामनगरी के विकास के दौरान पौराणिक, धार्मिक व तीर्थ के महत्व के अनुरूप कार्य करने को लेकर राय ली गई. इस बैठक में विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के साथ श्रीराम वल्लभाकुंज के अधिकारी महंत राजकुमार दास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, उदासीन आश्रम रानोपाली के महंत भरत दास समेत कई संत महंत मौजूद रहे.
अयोध्या के विकास की परियोजना है जिसके विजन डॉक्युमेंट के रूप में तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी दृष्टिगत आज समाज के विभिन्न वर्ग के लोगो के साथ विचार किया जा रहा है जिसके लिए आज सुबह सांसद लल्लू सिंह से मुलाकात कर उनकी जो परिकल्पना है उसके बारे में विचार किया गया है। अयोध्या का सन्त समाज के साथ तीर्थ नगरी के विकास की क्या परिकल्पना होनी चाहिए और पौराणिक अयोध्या के रूप में जो अब विकास का खाका खींचा जा रहा है। उसमें संतों द्वारा दिये गए सुझावों को विकास के रूप में शामिल किया जा सके ताकि अयोध्या का विकास तीर्थ और ऐतिहासिक नगरी के रूप में प्रदर्शित किया जा सके इसी के विचार को लेकर आज संत समाज की यहां बुलाया गया था। इसके लिए कई संतों ने अच्छे सुझाव दिए हैं। जिसको शामिल करते हुए विकास के परिकल्पना को पूर्ण करेंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो