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अयोध्या

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्मोही अखाड़ा के पंचों ने जताई सहमति

निर्मोही अखाड़ा की पंचों की बैठक में श्री राम मंदिर ट्रस्ट में जर्नल सेक्रेटरी या प्रेसिडेंट पद गिर जाने की उठी मांग

अयोध्याNov 17, 2019 / 06:05 pm

Satya Prakash

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्मोही अखाड़ा के पंचों ने जताई सहमति

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्मोही अखाड़ा के पंचों ने जताई सहमति

अयोध्या : राम मंदिर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्मोही अखाड़ा में पांचों ने सहमति दी है। यह फैसला आज अखिल भारतीय अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदीय निर्मोही अखाड़ा में पांचों की बैठक में लिया गया। जिसमें निर्मोही अखाड़ा के पंचों ने फिर से रिव्यूू ना करनेे का फैसला लिया। वही श्री राम मंदिर ट्रस्ट में अहम पद दिए जानेे की भी मांग उठाई गई।
राम जन्मभूमि विवाद ने निर्मोही अखाड़ा की अहम भूमिका रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान निर्मोही अखाड़ा अपनी दावेदारी में कागजात ना पेश होने के कारण उनके दावे को खारिज कर दिया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के दौरान निर्मोही अखाड़ा को भी ट्रस्ट में शामिल किए जाने की सहमति दी है सुप्रीम कोर्ट की सहमति के बाद आज अयोध्या के निर्मोही अखाड़ा में पंचों की बैठक बुलाई गई इस बैठक के दौरान काफी गहमागहमी के बीच बैठक शुरू हुई जिसमे डाकोर के महंत राजा रामचंद्र आचार्य द्वारा रिव्यू किए जाने का मुद्दा उठाया तो अन्य पंचों ने इसे खारिज कर दिया। घंटे चले बैठक के बाद पंचों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सहमति बनी।
राम सुरेश दास उर्फ राधे बाबा जयपुर राजस्थान ने बताया कि हमारी सद्भावना बैठक किया गया जिसमें सरयू आरती के बात शुरू हुआ वही बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस प्रकार से राम मंदिर निर्माण में निर्मोही अखाड़ा को अहम सम्मान दिया है वह हम सभी उसका स्वागत करते हैं। वही बताया कि पेज नंबर 925 और पैराग्राफ नंबर 804 में कोर्ट ने राम मंदिर व पूजा पाठ करने के संबंध में निर्मोही अखाड़ा को माना है। वही बताया कि ट्रस्ट निर्माण के समय सरकार के प्रपोजल आने के बाद प्रबंध समिति में निर्मोही अखाड़ा तय करेगी कि से इस ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा। वही रिव्यू किए जाने के मामले को खारिज करते हुए कहा कि इस संबंध में अभी कोई निर्णय पंचायत द्वारा नहीं किया गया है।
वहीं मदन मोहन दास ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सहमति जताते हुए कहा कि साधु समाज हमेशा संघर्ष करता रहा है और राम मंदिर का फैसला बहुत ही सर्वमान्य फैसला है वही बताया कि जिस प्रकार से आज निर्मोही अखाड़ा को लेकर समाज में भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं इसको लेकर स्पष्ट है रूप से खंडन करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जो आर्डर हुआ है वह सही है या राम का देश है और राम के ही पक्ष में निर्णय हुआ है मूवी अखाड़ा हमेशा अग्रिम भूमिका में रहा है वही बताया कि सुप्रीम कोर्ट में सबसे पहले निर्मोही अखाड़ा ही न्याय की भूमिका में आगे गया था होली लाया है वह सभी के पक्ष में है और हम लोगों का मानना है कि अब राम मंदिर अति शीघ्र बने। तुम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया है कि सरकार द्वारा नए ट्रस्ट का गठन किया जाएगा जिसमें निर्मोही अखाड़ा की प्रबंधन में अहम भूमिका होगी काम लोग स्वागत करते हैं और जब सरकार द्वारा निर्मोही अखाड़ा के लोगों को शामिल किए जाने पर पत्र भेजेगी तो अभी पंच प्रबंध समिति से बात करने के लिए जाएगी उसके बाद जो भी निर्णय होगा पंचों के बीच उसके सहमति के अनुसार शामिल कराया जाएगा।
निर्मोही अखाड़ा में पंचों की हुई बैठक में शामिल हुए निर्मोही अखाड़ा के वकील रणजीत लाल वर्मा ने कहा कि रामजन्म भूमि मामले पर हमारी महत्वपूर्ण मौजूदगी थी जिसको सुप्रीम कोर्ट ने माना है। और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हम आज ही ट्रस्ट में एक्सेस कर रहे हैं। पीएमओ द्वारा ट्रस्ट बनाया जाएगा इसमें निर्मोही अखाड़ा भी शामिल होगा। वही सबसे महत्वपूर्ण पद जर्नल सेक्रेटरी या प्रेसिडेंट पद निर्मोही अखाड़ा को मिलना चाहिए। इसके लिए सरकार से मांग के लिए सरकार कोो निर्मोही अखाड़ा पंचों द्वारा पत्र भेजा जाएगा निर्मोही अखाड़ा मैं व्यवस्था के लिए 15 सदस्य है। वही कहा कि निर्मोही अखाड़ा का हर पंच चाहता है कि राम मंदिर का निर्माण हो । पुनर्विचार याचिका पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

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