जब संतों के प्राण चले जाते हैं तो नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने आते हैं। स्वामी परमहंस का कहना है कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा रहे रामचंद्र परमहंस दास जीवित थे, तब तक कोई नेता या प्रधानमंत्री उनसे अयोध्या में मिलने नहीं पहुंचा, लेकिन उनके निधन होते ही पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई यहां आए थे और जब उनकी हत्या हो जाएगी तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी उन्हें श्रद्धांजलि देने आएंगे। राम मंदिर निर्माण को लेकर विहिप २५ नवंबर को धर्मसभा करने जा रही है। वहीं शिवसेना ने भी अपना कार्यक्रम 24 और 25 नवंबर को करने का ऐलान किया है। शिवसेना के कार्यक्रम में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे भी शिरकत करेंगे।