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इस बार रामनवमी पर पीएम मोदी आ सकतें हैं अयोध्या करेंगे इस बड़े प्रोजेक्ट का शिलान्यास

locationअयोध्याPublished: Jun 22, 2019 04:29:42 pm

सरयू तट के किनारे भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा निर्माण योजना को जल्द ही लगने वाले हैं पंख

PM Narendra Modi can reach Ayodhya on Ramnavmi 2020

इस बार रामनवमी पर पीएम मोदी आ सकतें हैं अयोध्या करेंगे इस बड़े प्रोजेक्ट का शिलान्यास

अयोध्या : धर्म नगरी में राम मंदिर निर्माण की तारीख और विवाद के समाधान के इंतजार के बीच योगी सरकार ने अयोध्या में विशालकाय भगवान श्रीराम मूर्ति के निर्माण की कार्य योजना तैयार कर ली है। विश्व की सबसे ऊंची प्रस्तावित भगवान श्री राम की प्रतिमा और इससे जुड़ी विभिन्न अवस्थापना सुविधाओ का शिलान्यास अगले साल अप्रैल माह में करवाए जाने की तैयारी है। अगले साल अप्रैल माह में रामनवमी के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह अयोध्या पहुँच सकते हैं। रामनवमी के मौके पर ही भगवान श्रीराम की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा का शिलान्यास होना है। प्रतिमा स्थापित करने के लिए जमीन के अधिग्रहण की कार्ययोजना शुरू भी हो चुकी है। 2022 में भगवान श्रीराम के प्रतिमा का लोकार्पण की योजना है.
सरयू तट के किनारे भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा निर्माण योजना को जल्द ही लगने वाले हैं पंख

अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने जहां भगवान श्रीराम की मूर्ति की कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया था। सीएम ने इसकी कुल ऊंचाई 251 मीटर रखने को प्रस्तावित किया है। जो छवि वहां स्थापित होनी है वह धनुषधारी भगवान श्रीराम की है। अयोध्या में भले ही भगवान श्रीराम का मंदिर बनने में देरी हो रही हो लेकिन ठीक इसके विपरीत केंद्र व प्रदेश सरकार संतों धर्माचार्य हिंदू संगठनो को खुश करने के लिए कुछ ना कुछ अयोध्या को देती आ रही है।इसी कड़ी में भगवान श्रीराम की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा लगने का काम शुरू हो चुका है।
साल 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले इस विशालकाय प्रतिं का अनावरण कर सकते हैं पीएम मोदी

सरयू तट पर लगने वाली इस प्रतिमा की ऊंचाई 251 मीटर बताई जा रही है।बताया गया है कि स्टैचू ऑफ यूनिटी के निर्माण की विशेषता रखने वाला गुजरात अयोध्या में भी सहयोग करेगा। तकनीकी मार्गदर्शन के लिए पिछले महीने ही एमओयू हो चुका है। प्रोजेक्ट के लिए चार कमेटी बनाई गई है।इसमें सीएम की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बिड इवैल्युएशन स्टेरिंग कमेटी और अपर मुख्य सचिव पर्यटन की अध्यक्षता में टेक्निकल एक्सपर्ट कमिटी शामिल है। सूत्रों की मानें तो एनजीटी एनएचएआई रेलवे सिंचाई और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी के लिए सितंबर डेट लाइन भी तय की गई है।नवंबर में हाइड्रोलॉजकल जियोलॉजिकल साइस्मिक सर्वे और मृदा परीक्षण भी पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद अप्रैल माह में भगवान राम जन्म के मौके पर यानी रामनवमी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों द्वारा इसका शिलान्यास करवाया जाएगा। सूत्रों की मानें तो 70 हज़ार वर्ग मीटर से अधिक जमीन पर इसका विस्तार होगा। भगवान श्री राम की मूर्ति की स्थापना में लगभग 4000 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है। 2022 में भगवान श्रीराम के प्रतिमा का लोकार्पण की योजना है.
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