प्रवीण भाई तोगड़िया में राम मंदिर को बनने वाले ट्रस्ट को राजनीति का अखाड़ा ना बनने का सलाह देते हुए कहा कि इसमें किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को ना जोड़ा जाए इस ट्रस्ट में सिर्फ संत धर्माचार्यो व आखाड़े और धार्मिक प्रवृत्ति के लोग ही शामिल हो। राजनीतिज्ञों को ट्रस्ट से दूर रखा जाए। वहीं मुस्लिमों को 5 एकड़ जमीन दिए जाने पर कहा कि हमारी पहले सी मांग रही है कि अयोध्या की शास्त्रीय सीमा में मस्जिद नहीं स्वीकार होगी। और बाबर के नाम पर तो पूरे भारत में नहीं होगी। साथ ही कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट में उनकी कोई रुचि नही है। मंदिर का निर्माण किस मॉडल पर होगा यह सरकार के विवेक पर छोड़ दे हालांकि इस बात का जरूर खयाल रखें कि जिन्होंने सवा सवा रुपए चंदा और पूजित शिलाओं को दिया है उनका भी प्रयोग मंदिर निर्माण में होगा तो जनता को लगेगा कि उनका भी राम मंदिर निर्माण में योगदान रहा है। वही कहा कि जिस प्रकार सोमनाथ मंदिर के लिए संघर्ष करने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल, हमीर सिंह गोहिल कि स्मृति मंदिर परिसर के सामने लगाई गई है उसी तरह अयोध्या में राम मंदिर के पास मंदिर निर्माण में संघर्ष करने वाले दिवंगत महंत परमहंस दास, महंत अवैद्यनाथ, स्वर्गीय अशोक सिंघल सहित बलिदानी कारसेवकों की स्मृति कभी दर्शन हो सके।