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सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जब से राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। ट्रस्ट गठन के साथ ही मंदिर निर्माण की गतिविधियां जोर पकड़ेंगी। रामलला के प्रस्तावित मंदिर की सुरक्षा को लेकर भी नए सिरे से तानाबाना तैयार करना होगा, जिसमें ‘नो-फ्लाइंग जोन’ का प्रस्ताव काफी अहम है। मंदिर की सुरक्षा को पुख्ता बनाने में इस प्रस्ताव को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आतंकी खतरे को ध्यान में रखते हुए बनाई गई इस योजना से संबंधित पत्रावली शासन से केंद्र सरकार को भेज दी गई है।
माना जा रहा है कि राममंदिर को लेकर गंभीर केंद्र सरकार इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर जल्द ही कदम उठा सकती है। रविवार को डीजीपी हितेशचंद्र अवस्थी की समीक्षा बैठक में उठे मुद्दों में भी ‘नो-फ्लाइंग जोन’ शामिल था। यही नहीं मंदिर की सुरक्षा को लेकर दो स्तरीय सुरक्षा व निगरानी के इंतजाम प्रस्तावित हैं। गर्भगृह और दर्शनार्थियों के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं होंगी। परिसर में आधुनिक कंट्रोल रूम के साथ ही पृथक पुलिस चौकी अथवा थाना भी देखने को मिल सकता है।
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अयोध्या के एसएसपी आशीष तिवारी का कहना है कि राममंदिर की सुरक्षा के लिए उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में नए सिरे से योजनाओं पर विमर्श शुरू हो गया है। राममन्दिर की सुरक्षा के लिए नो-फ्लाइंग जोन को लेकर भी भेजे गए प्रस्ताव पर उच्चाधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराया गया है। नो-फ्लाइंग जोन को लेकर जो प्रस्ताव बना है उसकी एक पत्रावली केन्द्र सरकार को भी भेजी जा चुकी है।