हजारों भक्त माँ के इस शोभायात्रा में हुए शामिल यूपी में 2 वर्षों से संक्रमण के कारण माता जानकी के जन्मोत्सव भी प्रभावित रहा और 2 तक इस यात्रा पर रोक लगी रही लेकिन इस बार यह यात्रा और भी भव्यता दिखाई दी बड़ी संख्या में भक्त माँ देवकाली मंदिर से निकाली गई। अयोध्या के सप्त सागर कुंड के पास स्थित छोटी देवकाली मंदिर अत्यंत प्राचीन मंदिर है जिसकी प्राचीनता पुराणों में भी दर्ज है। माता सीता का भगवान श्री राम के साथ विवाह संपन्न होने के बाद जब अयोध्या आ रही थी तो उस दौरान अपनी कुलदेवी माता गौरी को भी अयोध्या लेकर चली आई थी और राजमहल के उत्तर दिशा में स्थित सप्त सागर कुंड के पास स्थापना कर प्रतिदिन पूजन अर्चन करती थी। जिसे आज माता छोटी देवकाली के नाम से जाना जाता है।
माता जानकी के जन्मोत्सव पर निकाली गई शोभायात्रा अयोध्या की प्राचीन मंदिर पर जानकी जन्मोत्सव की परंपरा को बहुत ही धूमधाम से निभाया जाता है। माता सीता के जन्मोत्सव पर छोटी देवकाली समाज समिति के द्वारा नौ दिवसीय आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान तो वहीं देर शाम 1051 बत्ती की भव्य आरती का आयोजन 9 दिनों तक किया जा रहा है। लेकिन मुख्य आयोजन 9 मई को माता देवकाली की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। दौरान माता गौरी की विशाल रथ के साथ उनके नौ रूपों को भी अलग-अलग तैयार किया गया।
शोभायात्रा में रही सख्त सुरक्षा व्यवस्था में भी कमी नही अयोध्या में माता सीता के जन्मोत्सव पर निकाली गई शोभायात्रा अत्यंत संवेदनशील माना गया है जो कि पूर्व में रामनवमी के मौके पर निकाली शोभा यात्रा में कई स्थानों पर विवाद हुआ। जिसको लेकर अयोध्या में माता सीता के जन्मोत्सव पर निकाली गई। शोभा यात्रा को लेकर सुरक्षा के व्यापक रहा है। यह यात्रा छोटी देवकाली मंदिर से निकल कर श्रृंगारघाट, हनुमान गांधी, राम जन्मभभूमि, कटरा , असर्फी भवन