अवध यूनिवर्सिटी के कुलपति पर भ्रष्टाचार का आरोप अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवि शंकर सिंह पर अवध विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों में मनमाना तरीके से 100 से अधिक नियुक्तियां और प्रमोशन किए जाने का आरोप लगा था इसके साथ ही दीपोत्सव के दौरान आयोजन की मिली जिम्मेदारी में भी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था इस आरोप के बाद मिले साक्ष्यों के आधार पर गुप्त रूप से जांच भी की जा रही थी लेकिन इस बीच महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन आज उनसे इस्तीफा ले लिया है। और माना जा रहा है जल्दी पर कार्रवाई भी हो सकती है।
अवध विश्वविद्यालय में कुलपति के करीबियों की थी सक्रियता अवध विश्वविद्यालय के कुलपति रहे डॉ मनोज दीक्षित के कार्यकाल पूरा किए जाने के बाद प्रोफेसर रविशंकर सिंह को दायित्व मिली थी। प्रोफेसर रवि शंकर काशी हिंदू यूनिवर्सिटी में जियोलॉजी के प्रोफ़ेसर रहे हैं यहीं से डेपुटेशन पर अवध विश्वविद्यालय के कुलपति बनाये गए। लेकिन अवैध नियुक्तियों की टीम में वाराणसी के एजेंट सक्रिय रहे। इस बात को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में असंतोष था। रविशंकर की करीबी लोग पूरे अवध विश्वविद्यालय में सक्रियता बनी हुई थी।