पत्रिका टीम से खास बातचीत करते हुए बाबरी विध्वंस के आरोपी संतोष दुबे ने बताया कि श्रीमान न्यायाधीश जो भी फैसला देंगे उसका स्वागत है हम लोगों को अपने किए पर कोई दुख नहीं है जो राम का कार्य था उसको किया है इसके लिए जो भी फैसला आया फांसी दी मंजूर होगा इसके लिए हम लोग तैयार बैठे हैं राम के कार्य के लिए ही पृथ्वी पर आए थे यह कार्य हम लोगों का पूरा हो गया है भव्य राम मंदिर बनने जा रहा है तो हम अब पीछे नहीं हटने वालों में हैं फैसले को सिर माथे पर स्वीकार है इसलिए 30 तारीख को फैसले के दौरान कोर्ट में रहूंगा वही कहा कि बहुत से लोग थे जो इस ढांचे को गिराए जाने में शामिल रहे लेकिन वह मंदिर बनते हुए नहीं देख सके यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे यह अवसर मिला है।