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परमहंस की पूजित शिलाएं और अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी से आई ईटें की गयीं अभिमंत्रित

locationअयोध्याPublished: Aug 03, 2020 10:37:20 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

-शुरू हुआ राममंदिर का भूमिपूजन का तीन दिवसीय अनुष्ठान-पांच घंटे के पूजन में सुधि-बुध खो बैठे श्रद्धालु-श्रीराम मंदिर निर्माण से पहले 1.25 लाख बार शंखनाद

परमहंस की पूजित शिलाएं और अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी से आई ईटें की गयीं अभिमंत्रित

र ओर शंखनाथ है। घंटे-घड़ियाल की गूंज है

पत्रिका लाइव रिपोर्ट
महेंद्र प्रताप सिंह
अयोध्या. पांच दशक से तपस्यारत रामभक्तों को रामनगरी में जैसे संजीवनी मिल गयी है। रामभक्त आह्लादित हैं। कई जगह आस्था और उन्माद में कोरोना प्रोटोकॉल की कडिय़ां टूट रहीं हैं। लेकिन, इससे बेपरवाह श्रद्धालु राम से राम की कडिय़ां जोडऩे में मस्त हैं। सुबह से ही हर मंदिर में उल्लास है। श्रीरामलला परिसर की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर भारी बैरीकेडिंग है। फिर भी हर कोई पूजन समारोह स्थल तक जाना चाहता है। हर ओर शंखनाथ है। घंटे-घड़ियाल की गूंज है। भजन-कीर्तन और रामायण पाठ चल रहा है। सोमवार को सुबह के ठीक 9 बजते ही मंत्रोचार के साथ ही नींवपूजन का अनुष्ठान शुरू हुआ। तब जयश्री राम के उद्घोष से पूरी अयोध्या गुंजायमान हो उठी। रामलला परिसर में सीमित लोगों की ही इंट्री है। लिहाजा, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए सुरक्षा बलों ने भक्तों को मंदिर परिसर के दो किमी के दायरे में तितर-बितर कर दिया।
तीन दिवसीय पूजन कार्यक्रम की शुरुआत विघ्नहर्ता गणेश की पूजा से हुई। फिर भगवान राम की कुल देवी बड़ी देवी काली मंदिर और छोटी देवी काली की पूजा हुई। मान्यता है कि इन्हें सीताजी अपने साथ लाई थीं। फिर काशी और अयोध्या के 21 पुजारियों ने भूमि पूजन समारोह स्थल की पूजा शुरू की। वैदिक रीति से अलग-अलग पुजारी ने अलग-अलग तरीके की पूजा 1 बजे पूजन कार्य संपन्न हुआ। इस तरह कुल 5 घंटे पूजा हुई।
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हैदराबाद से अयोध्या पहुंचे श्रीवल्लभ शंख ने 11 हजार बार शंखनाद किया। उनका संकल्प है कि वह राम मंदिर निर्माण से पहले 1.25 लाख बार शंखनाद करेंगे। अब मंगलवार को रामअर्चन पूजा होगी। यह भी 9 बजे से 1 बजे तक चलेगी। बुधवार को प्रधानमंत्री अभिजीत मुहूर्त में नींव पूजन करेंगें। इस दिन मोदी 40 किलो की चांदी की पांच ईंटें और पहले से पूजित नौ शिलाओं को रखकर मंदिर की नींव का शुभारंभ करेंगे।
नींव की ईंटों को किया अभिमंत्रित
सोमवार को ही डबल लॉक में रखी गयीं परमहंस की पूजित शिलाओं को भी अभिमंत्रित किया गया। 15 मार्च 2002 को श्रीराम जन्मभूमि परिसर से बाहर अयोध्या के बड़ा स्थान पर कलश सहित पूजित शिलाएं जिला कोषागार के डबल लॉक में रखी गयी थीं। मंदिर की नींव के श्रीगणेश में इन शिलाओं का भी इस्तेमाल होगा। इसी के साथ अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी के प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजी गई ईटें भी पूजी गयीं। 6 ईटें देश के विभिन्न हिस्सों से आई हैं। यह ग्रेनाइट व मार्बल की हैं। इन्हें भी शुद्ध किया गया। इन सभी को 5 अगस्त को नींव में रखा जाएगा।
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योगी ने सौंपी देवीपाटन मंदिर की माटी
करीब दो बजे अयोध्या पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवीपाटन धाम की पवित्र मिट्टी ट्रस्ट को सौंपी। उन्होंने पूजन समारोह की तैयारियों का जायजा लिया। इस बीच भूमिपूजन कार्यक्रम के लिए देश के 1500 पवित्र और ऐतिहासिक स्थानों की मिट्टी और 2000 स्थानों से पवित्र जल पहुंचना जारी है। ट्रस्ट कार्यालय के पदाधिकारियों के अनुसार सोमवार की शाम तक 170 से अधिक नदियों और 7 समुद्रों का जल अयोध्या पहुंच चुका है। वैष्णो देवी मंदिर, हल्दी घाटी, चितौडगढ़़, स्वर्ण मंदिर, नाना साहब, पेशवा के किले, रायगढ़ के किले और सभी ज्योतिर्लिंगों के प्रांगण की मिट्टी भी आ चुकी है। 2000 कुंड का भी जल भी अयोध्या पहुंच चुका है।
घी-तेल और दीपक बंटने शुरू
पूजन कार्यक्रम खत्म होते ही करीब 135 टीन घी और सरसों का तेल, दो लाख रुई की बत्ती, एक लाख से ज्यादा मिट्टी के दीये के अलावा सात हजार से ज्यादा मोमबत्ती के पैकट बांटे गए। भूमि पूजन के उल्लास में रामनगरी में करीब 30 स्थानों पर दीप प्रज्ज्वलन होगा।
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मंदिर आंदोलन की गैलरी
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय में एक अस्थायी गैलरी भी बनायी जा रही है। इसमें 1984 से राम मंदिर आंदोलन के किसी भी कार्यक्रम की तस्वीर और वीडियो प्रदर्शित किए जाएंगे। ट्रस्ट ने अपील की है कि जिस किसी के पास आंदोलन से जुड़ी तस्वीर हो उसे ट्रस्ट के सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर सकते हैं।
पीताम्बरी व भगवा पताकाओं से सजी अयोध्या
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत में अयोध्या नगरी दुलहन की तरह सज-धज कर तैयार हो गयी है। पीतांबरी व भगवा पताकाओं से पूरा नगर सुसज्जित है।

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भूमि पूजन के दिन हरे रंग की खास नवरत्न जड़ित पोशाक पहनेंगे रामलला



हरे रंग की पोशाक
सोमवार को रामलला को सफेद वस्त्र पहनाए गए। बुधवार का रंग हरा है। इसलिए विशेष मुहूर्त में प्रभु रामलला को इस दिन हरा और केसरिया रंग की नवरत्न जडि़त पोशाक पहनाई जाएगी।
पूरा अनुभव लगा दिया
प्रभु रामलला की पोशाक बनाकर बहुत प्रसन्न हूं। हमारे पूरे परिवार ने तन-मन-धन से इस पोशाक को तैयार किया है। हमारे पास जितनी जानकारी या अनुभव था सब कुछ इस पोशाक को बनाने में लगा दिया। आज तक ऐसी पोशाक नहीं बनाई थी। –भगवत प्रसाद उर्फ पहाड़ी दर्जी,रामलला का पोशाक बनाने वाले
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