श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज के जन्मोत्सव के दौरान 12 जून को आयोजित संत सम्मेलन में चतु: संप्रदाय से जुड़े देश भर के धर्माचार्य एक मंच पर एकत्र होंगे। जन्मोत्सव समारोह चार जून से शुरू होगा। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। दो साल बाद आयोजित इस समारोह से पहले रामलला के मूल मंदिर के स्ट्रक्चर का पहला पत्थर एक जून को रखा जाएगा।
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देशभर के रेल यात्रियों के लिए केदारनाथ यात्रा, IRCTC का सबसे सस्ता पैकेज मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने बताया कि जन्मोत्सव समारोह में शामिल होने के लिए केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सहित कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा देशभर के साधु-संतों को निमंत्रण पत्र भेजा जा चुका है। कार्यक्रम में राजनीतिज्ञों के अलावा प्रमुख रूप से मंदिर आंदोलन से जुड़े देश भर के धर्माचार्य भी शामिल होंगे।
चार जून से कार्यक्रम की शुरुआत जन्मोत्सव समारोह चार जून से शुरू होगा। रामकथा के प्रख्यात गायक प्रेमभूषण महाराज कथा प्रवचन से इसका शुभारंभ करेंगे। इसके पहले सुबह कलशयात्रा के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी। 12 जून तक कार्यक्रम चलेगा। 13 जून को भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
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ताजमहल की नकल कर औरंगजेब ने बनवाया था ‘बीबी का मकबरा’, सामने आया सबसे बड़ा राज एक जून को विशेष पूजन इस कार्यक्रम से पहले 1 जून को मृगशिरा नक्षत्र में दुर्लभसंधि योग के अभिजीत मुहूर्त में 11.15 मिनट पर रामलला के मूल मंदिर के स्ट्रक्चर का पहला पत्थर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रखेंगे। इसके बाद गर्भगृह स्थल से राम मंदिर का निर्माण विधिवत शुरू होगा। इस दिन अयोध्या के 8000 मंदिरों में दीपावली मनायी जाएगी।
पांच गुंबद वाला दुनिया का अकेला राम मंदिर राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार रामनगरी में बन रहा मंदिर दुनिया का सबसे अद्भुत मंदिर होग। इसमें हजारों विशेषताएं होंगी। जो दुनिया भर के और मंदिरों से अलग होगीं। 70 एकड़ में फैले राम जन्मभूमि परिसर में बनने वाले इस मंदिर में पांच गुंबद होंगे। मंदिर में गर्भगृह, रंगमंडप, नृत्यमंडप के साथ दो और मंडप बनाये जाएंगे। अभी पांच गुंबदों वाला राममंदिर दुनिया में कहीं नहीं है। इस मंदिर का निर्माण आधुनिक तकनीक से वैदिक पद्धति पर हो रहा है। साथ मंदिर में आधुनिक व्यवस्थाएं होंगी। मंदिर में ऑटोमेटिक साउंड व लाइटिंग होगी। ऑटोमैटिक एक्सरे मशीनें, स्क्रीन मशीनें और पासवर्ड से खुलने वाले लॉकर होंगें।
बिना सरिया, बिना केमिकल के निर्माण राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार अभी तक जमीन के नीचे से 40 फुट गहरी मंदिर की नींव बन चुकी है। इसमें कहीं भी लोहे की सरिया नहीं लगी है। ग्रेनाइट पत्थर से 21 फुट ऊंचा मंदिर का चबूतरा बन रहा है। पत्थरों को जोड़ कर ही चबूतरे का ढांचा बन रहा है। इसमें किसी केमिकल का इस्तेमाल नहीं हो रहा।