मंदिर के फर्श को तैयार करने के लिए बनाए जाएंगे पत्थरों के 4 लेयर राम मंदिर निर्माण के तीसरे चरण में प्लिंथ निर्माण का कार्य किया जाएगा। इसके लिए पहले मिर्जापुर के बलुआ पत्थर और कर्नाटक के ग्रेनाइट का प्रयोग किया जाना था लेकिन बलुआ पत्थर के सापेक्ष ग्रेनाइट अधिक टिकाऊ और मजबूत माना जा रहा है। इसलिए ग्रेनाइट पत्थर को ही वरीयता दी जा रही है। जिसके कारण बलुआ पत्थरों की आपूर्ति पर रोक लगाए जाने के साथ ग्रेनाइट पत्थरों की आपूर्ति को बढ़ा दिया गया है। मंदिर निर्माण के लिए तैयार किए गए फाउंडेशन पर पहले लेयर में 18 सौ पत्थरों के ब्लाक लगाए जाएंगे। निर्माण स्थल पर 4 लेयर पत्थरों से तैयार किए जाएंगे जिसमें 5 गुना 3 गुना 28 फीट लंबे चौड़े ऊंचे ग्रेनाइट के ब्लॉक होंगे और कुल 72 सौ ब्लॉकों को लगाया जाएगा।
अयोध्या की कार्यशाला में पत्थरों पर तरासी कर रहे दो दर्जन कारीगर राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या सहित राजस्थान में कुल 5 कार्यशालाए चलाई जा रही हैं। राजस्थान में जहां मंदिर के खंभो व दीवारों को तैयार करने के लिए पत्थरों पर नक्काशी का कार्य किया जा रहा है। तो वही अयोध्या में चलाई जा रही कार्यशाला मंदिर के छत को तैयार किया जा रहा है। जिसमें लगभग दो दर्जन से अधिक कारीगर रखे पत्थरों की कटिंग के बाद उस पर नक्काशी का कार्य कर रहे हैं। कार्यशाला मिलेगी कारीगर बिरजू के मुताबिक मशीनों से पत्थरों की कटिंग कराने के लिए लगभग 6 से अधिक मजदूरों को लगाया गया है तो वही मंदिर की छत को तैयार करने के लिए 18 कारीगर महीन कलाकृतियों को हाथों से तलाशी कर रहे हैं तो वहीं मोटे काम के लिए हैंड मशीन का प्रयोग कर रहे हैं।