राम मंदिर ट्रस्ट पर लगाया गया था भ्रस्टाचार का आरोप श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने ट्रस्ट के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके कारण ट्रस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठे थे। जिनका जवाब ट्रस्ट को देना पड़ा । बावजूद इसके विवाद की छाया अभी तक समाप्त नहीं हुई है। यही कारण है कि राम मंदिर निर्माण समिति की ट्रस्ट के साथ हुई बैठक के बाद यह तय हुआ है कि अब ट्रस्ट के बजाय टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज राम मंदिर ट्रस्ट के अकाउंट का पूरा काम दिखेगी। टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज को आगामी 2 माह में पारदर्शी और डिजिटल अकाउंट प्रणाली और सॉफ्टवेयर विकसित करने को कहा गया है । जिसका डेमोंसट्रेशन भी किया गया । इसी वर्ष दिसंबर माह से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का पूरा अकाउंट कार्य अब टीसीएस के पास होगा।
डिजिटल अकाउंट प्रणाली से चलेगा राम मंदिर ट्रस्ट के अकाउंट राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने जानकारी देते हुए कहा कि हमने अपना अकाउंटिंग सिस्टम टीसीएस टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज को सौंपा है। वह धीरे-धीरे अपना डिजिटल सिस्टम तैयार कर रहे हैं। उन्होंने आज थोड़ा बहुत दिखाया है। हमारी क्या-क्या आवश्यकताएं हैं। उस आवश्यकता की पूर्ति वह कैसे करेंगे इसकी चर्चा हुई है 2 महीने से उनके साथ कार्य चल रहा है काफी कुछ काम कर लिया है। और आज ऐसा लग रहा है कि आगामी 2 महीने में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज टीसीएस अपना सब कुछ तैयार कर लेगा और 2 महीने के बाद दिसंबर के अंत तक तैयार कर लेगा हमारा सभी अकाउंटिंग सिस्टम टाटा कंट्रोल करेगा और या टाटा डिजिटली उसको मैनेज करेगा।
परिसर में लगेगा पानी का प्लांट वहीं कहा कि इंजीनियरिंग ग्रुप की बैठक आज अंतिम थी और महत्वपूर्ण विचार यह हुआ कि मंदिर के अतिरिक्त परिसर में जो कुछ बनेगा उसको किन क्रम से बनाया जाए पहले चरण में क्या दूसरे चरण में क्या और तीसरे चरण में क्या अगला बिंदु जब यह बन जाएगा हमारे पास कितनी पानी की खपत होगी वर्षा काल में पानी कहां जाएगा जो कुछ अंदर मिलेगा कचरा सीवर का पानी उसके ट्रीटमेंट करने की प्लानिंग क्या होगी टोटल केंपस पर्यावरण के अनुकूल इको फ्रेंडली कैसे बनेगा और यह भी विचार हुआ कि जब मेला होगा अधिकतम पानी की खपत कितनी हो सकती है रोजाना दस लाख लीटर पानी की आवश्यकता पड़ी। तो आएगा कहां से ऐसे ही छोटी-छोटी बातों पर आज इंजरिंग के साथ चर्चा हुई है।