राम लल्ला के प्राण प्रतिष्ठा का नक्षत्र हुआ तय, 125 कलशों से मूर्ति का होगा दिव्य स्नान
अयोध्याPublished: Oct 27, 2023 09:44:10 pm
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। मृगशिरा नक्षत्र में दिन में 11.30 से 12.30 के बीच मुख्य पूजा होगी। इस पूजा को वाराणसी के विद्वान आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित संपन्न कराएंगे


अयोध्या में नवनिर्मित दिव्य-भव्य राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख और शुभ मुहूर्त तय होने के साथ पूरे अनुष्ठान का खाका सामने आया है। 22 जनवरी को मृगशिरा नक्षत्र में मध्याह्न काल में प्राण प्रतिष्ठा और पहली महाआरती होगी। खास यह कि गर्भगृह में रामलला की एक नहीं बल्कि दो मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इनमें एक अचल मूर्ति होगी, जो गर्भगृह में विद्यमान रहेगी। वहीं, दूसरी चल यानी उत्सव मूर्ति होगी। इसका विशेष अवसरों पर राम भक्तों को दर्शन मिलेगा। प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान बतौर यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा।
राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट ने रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में आचार्यत्व की भूमिका निभाने का जिम्मा काशी के विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित को सौंपा है। उनके मार्गदर्शन में देशभर से बुलाए बुलाए गए वैदिक ब्राह्मण कर्मकांड कराएंगे। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा और इसकी पूर्णाहुति 22 जनवरी को होगी।
22 जनवरी को मृगशिरा नक्षत्र में दिन में 11.30 से 12.30 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मुख्य पूजा होगी। इसमें षोडशोपचार पूजन के बाद मूर्तियों पर अक्षत छोड़ा जाएगा और पहली महाआरती के बाद रामलला भक्तों को दर्शन देंगे। इस अनुष्ठान में काशी विद्वत परिषद के विद्वानों को भी बुलाया गया है। काशी विद्वत परिषद के विद्वानों के साथ ही पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित रामजन्म भूमि के पूजन से जुड़े कर्मकांड भी करा चुके हैं।
17 जनवरी को मूर्ति का अयोध्या भ्रमण
रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी को शुरू होगा। इस दिन मंदिर ट्रस्ट की ओर से नियुक्त यजमान के प्रायश्चित, सरयू नदी के तट पर दशविध स्नान और विष्णु पूजन और गोदान होगा। दूसरे दिन 17 जनवरी को मूर्ति के साथ भव्य शोभायात्रा निकलेगी, जो अयोध्या का भ्रमण करेगी। इसके साथ ही निकलने वाली कलशयात्रा में मंगल कलश में सरयू का जल लेकर श्रद्धालु राम मंदिर पहुंचेंगे। 18 जनवरी को विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की विधि का आरंभ गणेश अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजन आदि से होगा।
19 जनवरी को अरणीय मंथन
मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के क्रम में 19 जनवरी का दिन भी खास होगा। इस दिन अग्निस्थापन (अरणीय मंथन) ने अग्नि प्राकट्य, नवग्रह स्थापन और हवन होगा। 20 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह को सरयू से लाए गए 81 कलशों के जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास कर्मकांड होंगे। 21 जनवरी को 125 कलशों से मूर्ति के दिव्य स्नान के बाद शय्याधिवास कराया जाएगा। 22 जनवरी को सुबह नित्य पूजन के बाद मध्याह्न काल में प्राण प्रतिष्ठा महापूजा होगी।