script148 तीर्थ स्थलों के बीच बसी राम नगरी अयोध्या | Ram Nagari Ayodhya settled between 148 pilgrimage sites | Patrika News

148 तीर्थ स्थलों के बीच बसी राम नगरी अयोध्या

locationअयोध्याPublished: Jun 20, 2019 07:02:20 pm

Submitted by:

Satya Prakash

1902 में एडवर्ड अयोध्या तीर्थ विवेचनी सभा समिति ने अयोध्या के तीर्थ स्थलों को पुनः किया था चिन्हित

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148 तीर्थ स्थलों के बीच बसी राम नगरी अयोध्या

अयोध्या : राम नगरी अयोध्या का अस्तित्व आज भी खतरे में हैं 1902 में अंग्रेजों के शासन काल मे एडवर्ड अयोध्या तीर्थ विवेचनी सभा समिति का गठन कर अयोध्या को पुनः विकसित करने के लक्ष्य से बनाया गया था जिसमे अयोध्या की शास्त्रीय सीमा के अंतर्गत 148 स्थलों को चिन्हित किया गया था। जिसका विकास होना हैं लेकिन समय परिवर्तन के साथ इन स्थलों का विकास में ग्रहण लग गया और आज भी यह स्थल धीरे धीरे लुप्त होता जा रहा है।
अयोध्या की शास्त्रीय सीमा 84 कोसी परिक्रमा के अंतर्गत 148 धार्मिक स्थानों का चिंन्हीकरण किया गया जिसमें श्री राम जन्मभूमि के साथ लोमश मुनि, सीताकुप, सुमित्रा भवन, कैकयी भवन, रत्न मंडप, श्री राम दुर्ग, हनुमान गढ़ी, राम सभा, दंतधावन कुंड, सुग्रीव किला, क्षीरसागर, क्षीरेश्वर नाथ, रुक्मणि कुंड, अंगद टीला, कुबेर टीला, वशिष्ठ कुंड, वाम देव आश्रम, सागर कुंड, गवाक्ष, दधि मुख, दुर्गेश्वर, शतवलि, गंधमादन, ऋषभ, शरभ, पनस, विभीषण मंदिर, विभीषण कुंड, सरमाजी, विघ्नेश, पिण्डारक, मत्तगयन्द, द्विविद, सप्तसागर, मैन्द, जामवंत किला, केशरी किशोर मंदिर, प्रमोदवन, रामघाट, सुग्रीव कुंड, हनुमान कुंड, स्वर्णखनि कुंड, यज्ञवेदि, सरयुतिलोदकी संगम, सीताकुंड, अग्नि कुंड, विद्या कुंड, खरजू कुंड, मणि पर्वत, गणेश कुंड, दशरथ कुंड, कौशल्या कुंड, सुमित्रा कुंड, भरत कुंड, दुरर्सर, महाभरसर, बृहस्पति कुंड, धनयक्ष कुंड, उर्वशी कुंड, चुटकी देवी, विष्णु हरि, चक्रतीर्थ, ब्रम्हा कुंड, सुमित्रा घाट, कौशल्या घाट, कैकयी घाट, ऋणमोचन घाट, पापमोचन घाट, सहस्त्रधारा घाट, स्वर्गद्वार, चंद्र हरि, नागेश्वर नाथ, धर्महारि, जानकी घाट, वैतरणी, सूर्यकुंड, नर कुंड, नारायण कुंड, रति कुंड, कुसुमायुध कुंड, दुर्गा कुंड, गिरिजा कुंड, मंत्रेश्वर, सरोवर, शीतलादेवी, निर्मला कुंड, गुप्तार घाट, गुप्तहरि, चक्रहरि, यमस्थल, विघ्नेश्वरमहादेव, योगिनी कुंड, शक्र कुंड, बन्दी कुंड, मनोरमा, मखस्थान, रामरेखा, श्रृंगीऋषि, वाल्मीकि, विल्वहरिघाट, त्रिपुरारी, पुण्यहरि, राम कुंड, दुग्धेश्वर, भैरव कुंड, तमसा नदी, माण्डव्याश्रम, श्रवण आश्रम, परासराश्रम, च्यवनाश्रम, गौतमाश्रम, पिशाचमोचन, मानस तीर्थ, गया कुंड, नंदीग्राम, कालिका देवी जटा कुंड,शत्रुघ्न कुंड, अजित कुंड, रमणकाश्रम, घृताची कुंड, सरयू घाघरा संगम, वराह क्षेत्र, जम्बुतीर्थ, अगस्त्य, तुण्डिलजी, गोकुलातीर्थ श्री कुंड, लक्ष्मी , स्वप्नेश्वरी, कुटिला वरस्रोत संगम, सरयू कुटिला संगम तीर्थ स्थल हैं जो कि वर्तमान में कई स्थल लुप्त हो चुका हैं और कई लुप्त होने के कगार पर हैं ।
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