script

अयोध्या में है माता सीता का यह मंदिर जहां होगा का राम सीता विवाह

locationअयोध्याPublished: Dec 08, 2021 03:18:34 pm

Submitted by:

Satya Prakash

राम नगरी अयोध्या में श्रीराम को विवाह महोत्सव के आयोजन को लेकर मंदिरों में राम बारात तैयार हो रहा है, तो वहीं माता सीता के उपासक मंदिर रंग महल में बरात के स्वागत की हो रही तैयारी।

अयोध्या में है माता सीता का यह मंदिर जहां होगा का राम सीता विवाह

अयोध्या में है माता सीता का यह मंदिर जहां होगा का राम सीता विवाह

अयोध्या. श्री राम विवाह महोत्सव अयोध्या में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है नगर के लगभग एक दर्जन से अधिक मंदिरों से देर शाम भगवान श्री राम की भव्य बरात निकाली जाएगी जिसमें हाथी घोड़ा सहित बड़ी संख्या में लोग नाचते गाते हुए इस बारात में शामिल होंगे और नगर भ्रमण के बाद माता सीता के स्थान पहुंचेगी जहां उनका विवाह संपन्न होगा।
अयोध्या में है माता सीता के उपासक मंदिर

अयोध्या में भगवान राम के बारात निकाले जाने की तैयारी है तो वही माता सीता की जानकी महल व रंग महल उपासक मंदिर है। जहां भगवान श्रीराम का बारात पहुंचेगी और सनातन परंपरा के अनुसार हिंदू रस्मो रिवाज से इस विवाह महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। अयोध्या के राम कोट क्षेत्र स्थित माता सीता के उपासक मंदिर रंग महल में जनक नंदनी माता सीता के पक्ष को लेकर तैयारी की जा रही है। हल्दी रस्म, मेहंदी रस्म के साथ हिंदू रिवाज में होने वाले अन्य सभी रस्मों का कार्य किया जा रहा है भव्य और सुंदर विवाह मंडप भी सजाया जा रहा है। देर शाम मंदिर से निकलकर बारात रंग महल पहुंचेगी जहां वैदिक पंडितों के माध्यम से द्वार पूजा का आयोजन होगा जिसके बाद मंडप विवाह का आयोजन होगा जिसमें वधू पक्ष से रंग महल मंदिर के महंत रामशरण दास जनक की भूमिका में भगवान की पाओ पूजने का कार्य करेंगे। वहीं दूसरे दिन कलेवा के साथ भगवान श्री राम और माता सीता की विदाई का भी आयोजन किया जाएगा।
हिंदू रीती रिवाज से सम्पन्न होगी विवाह

जनक की भूमिका निभाने वाली महंत राम शरण दास ने जानकारी दी कि रंग महल के इस प्रांगण में भगवान के बरात आने के बाद द्वार पूजा होगी उसके बाद भगवान का मंडप में आगमन होगा दोनों तरफ के ब्राह्मण के द्वारा पूजन किया जाएगा। और जनक की भूमिका में किशोरी जी की पाव पूजन करेंगे इसके साथ ही लावा परछा जाता है। सात फेरे होंगे सिंदूरदान किया जाएगा। और विदाई के समय कलेवा होगा। काकी मानस के उल्लेख में जितने भी रिवाजों को लिखा गया है यहां परंपरागत रूप से दर्शाया जाएगा। वही कहा कि भगवान राम ने समाज को ऐसी पद्धति दी है जिसका सर्वदा पालन समाज करें जो हमारी रीति रिवाज होती है इसमें भाई, पत्नी, बहन, बंधु के सम्मान को इस विवाह के माध्यम से बताया गया है।

ट्रेंडिंग वीडियो