पुन: गुरु वशिष्ठ के आश्रम से शिक्षा प्रसंग की प्रस्तुति द्वारा राम के शैशवाकाल की झांकी का दिव्य दर्शन हुआ तो ताड़का वध, अहिल्या उद्घार, पुष्पवाटिका में राम सीता का मिलन, स्वयंवर, परशुराम संवाद, राम विवाह तथा कैकेयी के वरदान तक की घटना में राम की बाल लीलाओं के प्रसंग को प्रस्तुत किया गया। मध्यान्तर के पश्चात केवट संवाद, भरत मिलाप, पंचवटी, सूर्पनखा, सीता हरण, जटायु उद्घार, शबरी भक्ति, बाली वध, अशोक वाटिका, लंका दहन, मेघनाथ युद्घ, राम-रावण युद्घ के पश्चात राम राज्याभिषेक के साथ प्रस्तुति सम्पन्न हुई तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी हुआ जिसमें कई राज्यों से आये अलग अलग कलाकारों ने अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया। सांस्कृतिक संध्या में उत्तर मध्य क्षेत्र के सांस्कृतिक केन्द्र, इलाहाबाद के कलाकारों की ओर से किया गया। इसके अन्तर्गत नीलिमा सिंह ने देवी गीत एवं भक्ति गीत प्रस्तुत किया। मुख्य नृत्यांगना बीना सिंह के नेतृत्व में ढेंड़िया लोकनृत्य प्रस्तुत किया गया, जो भारतीय संस्कारों पर आधारित है। यह उत्तर प्रदेश के द्वाबा क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में लोक प्रचलित है।
दूसरी प्रस्तुति बर्खा लोकनृत्य की थी जो हरियाली के महीने में धान की फसल तैयार होने पर प्रस्तुत किया जाता है। इस प्रस्तुति में नृत्य कलाकार के रूप में प्रीती यादव, पूजा बिष्ट, कीर्तिका, नैनसी, शीतल, प्रिया, दीपशिखा, रितु, कालीप्रभा, सह कलाकार के रूप में मनोरमा सिंह, संगत वाद्य ढोलक पर मो. जाकिर तथा बैन्जो पर दिलीप कुमार ने प्रतिभाग किया तथा आज के सांस्कृतिक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में आई जी रेंज विजय कुमार को स्मृति चिन्ह भेट किया गया । इस दौरान एस एस पी सुभाष चन्द्र बघेल , अपर जिलाधिकारी विन्ध्यवासनी राय , एस पी सिटी अनिल सिसौधिया , सी ओ राजू कुमार साव व रामायण मेला समिति के महामंत्री शीतला सिंह व उप निदेशक अन्तराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय योगेश कुमार, संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देशदीपक मिश्र , दीपकृष्ण वर्मा, महंत अरुण दास, गिरीशपति त्रिपाठी, महंत नारायणचारी, शैलेन्द्र मोहन मिश्र, नंदकुमार मिश्र ऊर्फ पेड़ा महाराज, नागा रामलखन दास व प्रभात शर्मा सहित हजारो दर्शक मौजूद रहे