राम मंदिर निर्माण से देश विदेश की आस्था जुड़ी है दूर दूर तक रहने वाले लोग भगवान राम के मंदिर निर्माण में सहयोग ही नहीं दे रहे हैं बल्कि उनके दर्शन के लिए भी आतुर हैं। ऐसे चल रहे मंदिर निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार से राम भक्तों के आस्था पर ठेस ना पहुंचे इसका भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है दरअसल राम जन्मभूमि परिसर में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए नींव खुदाई का कार्य अंतिम चरण में है 2.7 एकड़ में मंदिर निर्माण के लिए बड़ी संख्या में मिट्टी को हटाया जा चुका है तो वहीं अब भगवान श्री राम के जन्म स्थान गर्भगृह स्थल से मिट्टी हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है और हटाए जाने के साथ इस मिट्टी को सुरक्षित रखने का कार्य भी किया जा रहा है। जिसके लिए राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीला व विश्व हिंदू परिषद के रामसेवकपुरम स्थल पर सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है इस दौरान इन स्थानों पर देखरेख के लिए 2 शिफ्टों में ड्यूटी भी लगाई गई है।
रामसेवकपुरम में देखरेख के लिए लगाए गए विवेक कुमार ने बताया कि इस स्थल पर परिसर से मिट्टी लेकर आने वाले ट्रकों को गिनती व समय को इन्ट्री की जाती है। कहा कि अभी 130 ट्रक मिट्टी पहुंच चुकी है। वहीं बताया कि यह सभी मिट्टी भगवान श्री रामलला के जन्मस्थान की है। इस स्थान इसलिए सुरक्षित रखा जा रहा कि जिससे इस मिट्टी का गलत उपयोग न हो सके। और नही गंदगी में फैले।वहीं कहा कि मंदिर निर्माण के बाद उस मिट्टी को पुनः उसी परिसर में ही उपयोग किया जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि भगवान श्री राम के जन्म स्थान से देश के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है के लिए बहुत से लोगों ने बलिदान भी दी है कि हम उस स्थान की मिट्टी को उतना ही महत्व देते हैं और उस स्थान की कड़-कड़ की रक्षा करना हम अपना धर्म समझते हैं वही बताया कि नींव खुदाई की जानी है तो स्वाभाविक है कि मिट्टी हटाया जाएगा। जिसे हटाकर परिसर में ही कुबेर टीले के पास जो निचला स्थान वहां पर भरा जा रहा है इस स्थान के बाद कहीं और भी मिट्टी हटानी होगी तो अभी अपने ही परिसर में ले जा कर रखेंगे जिससे कि बाद में नींव भरे जाने के बाद खाली स्थान पर भराई की जानी हो तो उसी मिट्टी का प्रयोग किया जा सके इसलिए उस मिट्टी को सुरक्षित रख रहे हैं बाद में उसका उपयोग करेंगे।