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अयोध्या में राम मंदिर को लेकर संतो का बड़ा बयान, कहा- अब वार्ता का सवाल ही नहीं

locationअयोध्याPublished: Nov 08, 2017 09:09:23 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

भगवान राम का भव्य मंदिर का निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा।

Ram Temple

Ram Temple

अयोध्या. राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण जन जागृति के लिए अयोध्या के कारसेवक पुरम में संत सम्मेलन व धर्म सभा का आयोजन आज किया गया। धर्म सभा में राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि अयोध्या के संस्कृत की रक्षा तथा सरयू की पवित्रता की रक्षा भी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द ही शुरू होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रयास जारी है। उम्मीद है भगवान राम का भव्य मंदिर का निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा। सम्मेलन में देश में शांति व गौ-रक्षा तथा राम मंदिर निर्माण को लेकर अन्य लोगों ने भी अपनी राय व्यक्त की।
अयोध्या मे किसी प्रकार की मस्जिद नहीं बनेगी

संत समिति के अध्यक्ष कन्हैया दास ने कहा कि अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हमारे तो अब राम मंदिर बनने में देरी क्यों? उन्होंने कहा कि जब कोर्ट ने यह कह दिया है कि रामजन्मभूमि स्थली है तो अब वार्ता की बात ही नहीं उठती। राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य रामविलास दास वेदांती ने कहा कि अयोध्या मे किसी प्रकार की मस्जिद नहीं बनेगी। अयोध्या में केवल कानून बनाकर ही भगवान राम का भव्य मंदिर बनवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पांच दिसंबर से लगातार सुनवाई प्रारंभ होगी और एक साल के अंदर राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।
बातचीत से नहीं निकलेगा हल, बने कानून

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय ने कहा कि जितना 1947 में देश की आजादी का महत्व है, उतना ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भी महत्व है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर विवाद को लेकर वार्तालाप आज से 26 वर्ष पहले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव , भैरव सिंह शेखावत, शरद पवार समेत कई नेता आपस में बैठकर वार्ता करते थे। उस समय जब इसका हल नहीं निकला तो अब क्या निकलेगा। उन्होंने कहा कि अब बातचीत का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि यह मामला अब दो आदमियों के बीच का नहीं है, यह बातचीत 125 करोड़ की जनता करेगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में संतों के इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य आज 25 वर्ष पहले जिस तरह से मंदिर का इतिहास रहा, उसे आज की पीढ़ी को समझने के लिए है। देश में कई प्रकार की बातें हो रही हैं, इन बातों से समाज भ्रमित ना हो तथा दुनिया में साधु समाज भी भ्रमित ना हो। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हिन्दुस्तान के सम्मान व गौरव का विषय है। 30 दिसंबर 2010 को यह सिद्ध हो गया था कि वह राम जन्मभूमि ही है। अयोध्या में कोर्ट के आदेश के बाद भी बिना कानून के अधिग्रहित भूमि पर मंदिर बनाना संभव नहीं, इसलिए राम मंदिर निर्माण के लिए जल्द कानून बने।
ये रहे मौजूद

धर्म सभा में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय, राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास, सदस्य रामविलास वेदांती, विश्व हिंदू परिषद के पुरुषोत्तम नारायण, शिव दास, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, संत समिति के अध्यक्ष कन्हैया दास, अवध विश्वविद्यालय के कुलपति मनोज दीक्षित समेत सैकड़ों संत मौजूद रहे।
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