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इतना भव्य हो राम मंदिर कि इस्लामाबाद से मंदिर के शिखर पर लगी लाइट दिखाई दे – वेदांती

locationअयोध्याPublished: Dec 07, 2019 10:40:16 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

राम मंदिर निर्माण में विहिप के मॉडल में परिवर्तन किया जा सकता है।

Ram Vilas

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अयोध्या. राम मंदिर निर्माण में विहिप के मॉडल में परिवर्तन किया जा सकता है। भाजपा के पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती ने सरकार की मंशा को जाहिर करते हुए कहा कि विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर बनाने को लेकर दिल्ली में इसके स्वरूप का खाका खींचा जा रहा है। राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में फैसले के बाद पहली बार दर्शन करने अयोध्या पहुंचें वेदांती को कड़ी सुरक्षा के बीच परिसर में रामलला का दर्शन कराया गया।
इस्लामाबाद से राम मंदिर के शिखर पर लगी लाइट दिखाई दें, इतना भव्य हो मंदिर-

राम विलास दास वेदांती ने कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर सरकार के स्तर पर चल रही तैयारी से लगता है कि यहां विश्व का सबसे बड़ा मंदिर बनेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के सामने 1111 फुट ऊँचा मंदिर बनाने को लेकर प्रस्ताव दिया गया है। भगवान श्री राम का भव्य मंदिर इस तरह होना चाहिए कि इस्लामाबाद से राम मंदिर के शिखर पर लगी लाइट दिखाई दें। जिससे विश्व में लोगों को पता चले कि यह भगवान श्री राम का भव्य मंदिर है। वहीं उन्होंने कहा कि जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तभी लगा कि अब मंदिर का निर्माण होगा। सुप्रीम कोर्ट ने लगातार 40 दिनों तक सुनवाई की। इस दौरान कांग्रेस ने अयोध्या के संतों को आपस में लड़ाने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं रहे। देश के सभी साधु संत सभी संप्रदाय के लोग एक हैं और सभी चाहते हैं कि राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अगुवाई में मंदिर का निर्माण हो।
वहीं वेदांती ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने जब राम मंदिर निर्माण का मॉडल तैयार किया था, अब वह जमाना बदल गया है। देश के कई बड़े मंदिरों को देखने के लिए हमें भेजा गया था, जहां पर गुजरात में दक्ष जिला के मांडवी तहसील में संकेश्वर मंदिर देखा जो 200 एकड़ में बना है और जिसमें 72 मंदिर मार्बल के बने हैं। 40-40 फुट के बीम लगे हुए। हैं वहीं उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर को भी देखा गया। इन मंदिरों को देखने के बाद लगता है कि अयोध्या में भी विशाल मंदिर बनाना चाहिए। बस इन मंदिरों की ऊंचाई कम थी। वहीं कहा कि विहिप द्वारा तैयार किये गए मॉडल से ही मंदिर का निर्माण होगा। लेकिन उन्होंने कहा कि नया ट्रस्ट इसकी ऊंचाई व मॉडल क्या तय करता है, यह टेस्ट निर्माण के बाद ही तय होगा।
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