scriptमकर संक्रांति से स्वर्ण मंदिर में विराजमान होंगे रामलला, 1008 फुट ऊंचा होगा मंदिर | ramalaya trust offers to make golden temple of lord ram | Patrika News

मकर संक्रांति से स्वर्ण मंदिर में विराजमान होंगे रामलला, 1008 फुट ऊंचा होगा मंदिर

locationअयोध्याPublished: Dec 01, 2019 10:06:22 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

दशकों बाद राम मंदिर पर फैसला आने के बाद रामभक्तों को अब मंदिर के निर्माण का इंतजार है

dgd

dgd,dgd,dgd

अयोध्या. दशकों बाद राम मंदिर पर फैसला (Ayodhya Verdict) आने के बाद रामभक्तों को अब मंदिर के निर्माण का इंतजार है। हालांकि, राम मंदिर बनने में अभी वक्त है लेकिन जब तक यह कार्य पूरा नहीं हो जाता तब तक श्रीराम स्वर्ण मंदिर में रहेंगे। रामालय ट्रस्ट के सचिव अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी जानकारी में यह बात कही। उन्होंने बताया कि जब तक राम मंदिर का निर्माण हो तब तक के लिए भगवान राम स्वर्ण मंदिर में विराजमान रहेंगे।
अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि चेन्नई में एक बड़े कास्ट कलाकार से संपर्क किया गया है। वह कई पीढ़ियों से मंदिर निर्माण का काम कर रहे हैं। एक नक्शा भी उन्होंने बना कर दिया है, उस पर विचार-विमर्श होगा। रामलला को स्वर्ण मंदिर में विराजमान करने की योजना 15 जनवरी यानी कि मकर संक्रांति के दिन से है। वहीं, राम मंदिर निर्माण पर उन्होंने कहा कि मंदिर उत्तर-दक्षिण की शैलियों में शामिल हो। वास्तु विधान और शास्त्र विधि का विचार करके भव्य मंदिर बनाया जाना चाहिए। मंदिर का शिखर 1008 फुट ऊंचा होना चाहिए।
dgd
चेन्नई के कारीगरों ने बनाया नक्शा

इससे पहले उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र भेजकर ट्रस्ट को भूमि सौंप देने की मांग की थी जिससे कि अधिग्रहित क्षेत्र में ही ट्रस्ट मंदिर का निर्माण करवा सके। राम मंदिर बनने में अभी समय लगेगा इसलिए देश के संत महंतो ने विचार विमर्श कर निर्णय लिया है कि भव्य मंदिर बनने से पहले एक सोने का मंदिर बनवाकर रामलला को उसमे कुछ समय के लिए विराजमान किया जाएगा। इसके लिए चेन्नई के प्रसिद्ध कारीगरों से नक्शा बनवाया गया है। संतों के एक मत होते ही कार्य शुरू हो जाएगा।
मंदिर हो इतना भव्य कि देखे पूरी दुनिया

अविमुक्तेश्वरानंद ने इच्छा जाहिर की कि यह ऐसा राम मंदिर बने जिसे पूरी दुनिया देखे। लंबे संघर्ष के बाद रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला आया है। अयोध्यावासियों में खुशी है। इसलिए सभी सनातन धर्मियों का मानना है कि राम मंदिर इस तरह बनाया जाए जिसे न अभी तक दुनिया ने देखा हो और न उसके जैसा कोई मंदिर भविष्य में बन सके। उन्होंने बताया कि अभी तक कंबोडिया के अंकोरवाट का मंदिर विश्व का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। उसमें आर्यन शैली का प्रयोग हुआ है। उन्हंने इच्छा जाहिर की कि राम मंदिर कंबोडिया के अंकोरवाट से भी बड़ा हो।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो