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अयोध्या में बढ़ी ठंड श्री रामलला को ओढाई गई रजाई

locationअयोध्याPublished: Nov 25, 2021 10:27:19 pm

Submitted by:

Satya Prakash

आधुनिक सुविधा युक्त अस्थाई मंदिर में विराजमान भगवान श्री रामलला को अब ठंड से बचाने के लिए लगा गया ब्लोवर, भगवान के भोग राग में भी हुआ बदलाव

अयोध्या में बढ़ी ठंड श्री रामलला को ओढाई गई रजाई

अयोध्या में बढ़ी ठंड श्री रामलला को ओढाई गई रजाई

अयोध्या. मौसम के बदलते मिजाज को लेकर भगवान श्री रामलला को ठंड से बचाये जाने के लिए गर्म कपड़े व मखमली रजाई ओढाई गई है। साथ ही गर्म व्यंजनों का भोग भी लगाया जा रहा है। दरसल राम जन्मभूमि परिसर में भगवान श्री रामलला बालक के रूप में विराजमान हैं। यही कारण है कि भगवान श्री रामलला को परिसर में बाल स्वरूप के रूप में ही देखभाल किया जाता है पुजारी की माने तो जिस प्रकार से एक मां अपने बच्चे को पालने के लिए हर संभव प्रयास करती है उसी तरह पुजारी अपने बालक स्वरूप भगवान को हर सुख-सुविधा के साथ पूरी व्यवस्थाएं देने का प्रयास करता है।
आधुनिक सुविधा युक्त अस्थाई भवन में विराजमान है श्री रामलला

राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान भगवान श्री रामलला 28 वर्षों से टेंट में विराजमान रहे। दौरान रामलला को ठंड से बचने के लिए सिर्फ गर्म वस्त्र ही मिल रहे थे। और टेंट में होने के कारण किसी भी प्रकार के यंत्र व अंगेंठी के प्रयोग नही किया जा सकता था । लेकिन 9 नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 25 मार्च को भगवान श्री रामलला टेंट से निकलकर आधुनिक सुविधाओं से संपन्न अस्थाई मंदिर में विराजमान है। और ठंड से बचने के लिए रजाई व ब्लोअर लगाया गया है। तो वहीं सुबह, दोपहर व शाम को लगने वाले भोग में भी बदलाव किए गए हैं।
श्री रामलला के लिए विशेष भोग राग की व्यवस्था

अस्थाई भवन में विराजमान भगवान श्री राम लला को सुबह स्नान ध्यान की बाद बाल भोग करा जाता है जिसमें पेड़ा और मेवा का भोग लगाई जाता है। तो वहीं दोपहर में भोजन के लिए हरी सब्जी, पूड़ी, अरहर दाल व चावल के साथ खीर खिलाया जाता है। और शाम को भी ठंड को देखते हुए मूंग का हलुआ व मेवा का बाल भोग लगाया जाता है।
28 वर्ष के बाद श्री रामलला को मिली व्यवस्था

श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि ठंड का मौसम शुरू होते ही भगवान के रखरखाव में भी परिवर्तन कर दिया गया है सुबह भगवान को स्नान ध्यान और श्रृंगार के बाद गर्म कपड़े बनाए जा रहे हैं तो वही उनके भोग के लिए उचित व्यवस्था किया गया है। कहा कि 28 वर्षों तक भगवान श्री रामलला विवाद होने के कारण टेंट में विराजमान थे जहां उन्हें सिर्फ 1 रजाई दो प्रकार के वस्त्र ही मिल पा रहे थे टेंट में होने के कारण किसी भी प्रकार का यंत्र व अंगूठी का प्रयोग नहीं किया जा सकता था लेकिन अब भगवान श्री रामलला को सभी सुविधा मिल रही है। गर्म हवा देने वाला ब्लोवर, रजाई, गद्दा दिया गया है। वहीं बताया भगवान श्री रामलला के भोग राग में भी बदलाव किया गया है। मौसम के अनुरूप मिलने वाली हरी सब्जियां व अन्य व्यंजनों से भोग लगाया जा रहा है।

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