scriptबुलेटप्रूफ भवन में विराजेंगे रामलला | Ramlala will shift in bullet proof temple on 25 march | Patrika News

बुलेटप्रूफ भवन में विराजेंगे रामलला

locationअयोध्याPublished: Mar 15, 2020 07:32:27 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

इस मंदिर में अनेक प्रकार की भौतिक सुख-सुविधायें उपलब्ध होंगी।

बुलेटप्रूफ भवन में विराजेंगे रामलला

बुलेटप्रूफ भवन में विराजेंगे रामलला

अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के निर्माण से पूर्व जिस अस्थाई भवन में भगवान रामलला को स्थापित किया जा रहा है वह बुलेटप्रूफ फाइबर से तैयार किया जा रहा है। रविवार को दिल्ली से अस्थाई बुलेटप्रूफ मंदिर अयोध्या पहुंच गया। आतंकी हमला झेल चुके श्रीरामजन्मभूमि परिसर में बुलेटप्रूफ अस्थाई मंदिर बना के ट्रस्ट यह संदेश दे दिया है कि हम श्रद्धालुओं की सुविधा के साथ-साथ भगवान रामलला की सुरक्षा के लिये भी प्रतिवद्ध हैं। इस मंदिर में अनेक प्रकार की भौतिक सुख-सुविधायें उपलब्ध होंगी।
रामजन्मभूमि परिसर में बन रहे रामलला के अस्थाई मंदिर पर जिलाधिकारी अयोध्या व रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनुज झा ने दोका सामना को बताया कि “छोटा सा टाइम फ्रेम है जिसमें सारे काम किए जाने हैं, हमारी तैयारी बहुत तेजी से चल रही है। भगवान रामलीला का अस्थायी मंदिर शीघ्र ही तैयार हो जायेग, अस्थायी मंदिर से संबंधित सभी कार्य समय से पूरे कर लिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि रामलला को गर्मी से बचाने के लिए इसमें 2 एसी लगाए जाएंगे। 24 मार्च तक इस मंदिर का चबूतरा तैयार कराया जाएगा। जिस पर 25 मार्च को भगवान रामलला को विराजमान कराया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अस्थायी मंदिर में विराजे भगवान राम लला की प्रथम आरती करेंगे।
मामला न्यायालय में होने के कारण 1992 से टाट में विराजने वाले भगवान रामलला के मंदिर में छोटा-मोटा सुधार करने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती थी। अब फाइबर का सुख-सुविधायुक्त मंदिर रामलला को मिलने से श्रीरामजन्मभूमि पर विराजे भगवान रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सतेंद्र दास बहुत प्रसन्न हैं। उन्होंने दोका सामना से कहा कि अब तक रामलला टेंट के मंदिर में विराजमान थे, जहां पर सर्दी, गर्मी और बरसात तीनों ही मौसम में समस्याएं होती थीं। रामलला के पास गर्मी से बचने के लिए भी इंतजाम नहीं थे।फाइबर का नया मंदिर बुलेटप्रूफ है, अब वह पानी और अग्नि और ठंढ तीनों से पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि रामलला तिरपाल में रहकर के तमाम कठिनाइयों को 27 वर्षों से झेल रहे थे।
अब रामलला का कष्ट जल्दी खत्म होगा।रामलला को अस्थाई रूप से विराजमान कराने के बाद रामलला के गर्भ गृह की जमीन के समतलीकरण का कार्य शुरू कराया जाएगा।आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि इस बार रामलला के जन्म उत्सव की खुशियां भी अयोध्या में देखने लायक होगी। नया ट्रस्ट रामभक्तों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले पहले ही ले चुका है। श्रद्धालुओं को अब रामलला के दर्शन के लिए पहले से कम चलना पड़ेगा और भगवान रामलला का दर्शन पहले की अपेक्षा निकट से होगा।
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