375 किलोमीटर लंबा रामवन गमन पथ श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने अयोध्या में मंदिर निर्माण का साढ़े तीन साल में हर हाल में बनाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, उससे पहले केंद्र सरकार की अति महत्वकांशी योजना के तहत भगवान राम 14 वर्षों तक जिन रास्तों से वनवास के दौरान गुजरे थे, वहां 375 किलोमीटर रामवन गमन पथ बनकर तैयार किया जाएगा। रामवन गमन पथ पर श्रीराम से जुड़े धार्मिक स्थल को विकसित किया जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, अयोध्या से चित्रकूट, मध्य प्रदेश के बीच रामवन गमन पथ तैयार किया जाएगा जिसे लगभग 300 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। लगभग 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। 2021 तक पथ का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेंगी मंदिर से पहले मंदिर से पहले अयोध्या शहर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं दी जाएंगी। शहर में बढ़िया सड़कें बनाई जाएंगी, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, एयरपोर्ट, पांच सितारा होटल पर काम होगा। अयोध्या तीर्थ विकास परिषद की ओर से प्रस्ताव दिया गया है। कैबिनेट में प्रस्ताव पास होते ही इन योजनाओं पर कार्य शुरू हो जाएगा।तीर्थ विकास परिषद अयोध्या में घाटों, मंदिरों और अन्य आधारभूत सुविधाओं को विकसित करेगी। अयोध्या व आसपास के इलाके को प्राधिकरण अपनी सीमा में लेकर विकसित करेगा, जिससे कि बड़े नामी गिरामी फाइव स्टार होटलों की आमद यहां बनी रहे। शहर को इस तरह से बनाने का कार्य किया जाएगा कि यहां पर्यटन को बढ़ावा मिले।
काशी-अयोध्या राजमार्ग की भी तैयारी अयोध्या में एयरपोर्ट बनाने का भी प्रस्ताव है। हालांकि, इस योजना पर काम करने के लिए सात से आठ साल का समय लग सकता है। लेकिन लखनऊ व बनारस में विश्वस्तरीय एयरपोर्ट पहले से मौजूद हैं। यहां से अयोध्या तक पहुंचना आसान हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। एयरपोर्ट के साथ ही काशी-अयोध्या राजमार्ग को भी दो साल के अंदर बनाए जाने की कोशिश की जा रही है। इस पर इस तरह से काम किया जाएगा कि सड़कें एकदम सपाट व गड्डामुक्त हों। यात्री जब लखनऊ एयरपोर्ट उतरें तो अयोध्या जाएं या चाहे बनारस, उन्हें सड़कें एकदम साफ व सपाट मिलें।