मकर संक्रान्ति से माघ पूर्णिमा यानी 27 फरवरी तक पूरे देश में यह अभियान चलाया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता हो सके इसके लिये न्यूनतम 10 रुपये का कूपन रखा गया है। जो अधिक राशि देना चाहें उनके 100 रुपये और एक हजार रुपये के कूपन के माध्यम से सहयोग किया जा सकेगा अधिक राशि देने वाले रसीद के माध्यम से चाहें जितनी भी राशि समर्पित कर सकते हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि रामनगरी में बनने वाले रामलला के भव्य मंदिर के लिए ट्रस्ट सरकारी धन का उपयोग नहीं करेगा, बल्कि इसके लिए प्रभु राम के भक्तों से आर्थिक सहयोग लिया जाएगा। सहयोग राशि से ही मंदिर का निर्माण होगा। करोड़ों राम भक्तों के स्वैच्छिक सहयोग से ही ट्रस्ट मंदिर का निर्माण करेगा।
मंदिर निर्माण के लिए बॉब और पीएनबी में जमा करें दान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए दानदाताओं को और सहूलियत दी है। एसबीआई के अलावा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) में भी दान कर सकेंगे। अब तक ट्रस्ट ने सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक में खाता खुलवाया था। इसी में धनराशि लोग भेज रहे थे। पर ट्रस्ट की बदली रणनीति के अंतर्गत पंजाब नेशनल बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा में भी खाता खोल दिया गया। ट्रस्ट ने इसकी जानकारी भी सार्वजनिक कर दी है। ट्रस्ट के गठन के साथ ही अयोध्या स्थित भारतीय स्टेट बैंक में दान के लिए खाता खुला था। ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि बैंक आफ बडौ़दा व पंजाब नेशनल बैंक में खाता खोला गया है। दानदाता इसमें स्वेच्छा से दान की धनराशि जमा कर सकते हैं। उन्होंने अधिकाधिक दान का आह्वान भी किया। तीनों बैंक के ट्रस्ट के खाते ऑनलाइन कर दिए गए हैं। इसमें नेट बैंकिंंग भी जोड़ी गई है। दानदाता ट्रस्ट की वेबसाइट से भी ऑनलाइन धनराशि इनमें से किसी भी खाते में ट्रांसफर कर सकेंगे।
विशेषज्ञ समिति का गठन ट्रस्ट और श्रीराम मंदिर निर्माण समिति ने मंदिर निर्माण को लेकर एक और अधिसूचना जारी करते हुए नए आठ सदस्यों की विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इस समिति में देश के टॉप इंजीनियरों को रखा गया है। यह समिति मंदिर निर्माण को लेकर 15 दिसंबर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस समिति का उद्देश्य विभिन्न भू-तकनीकी सुझावों को ध्यान में रखते हुए उच्चतम गुणवत्ता और दीर्घायु के साथ मंदिर का निर्माण करना है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और मंदिर निर्माण समिति ने श्रीराम मंदिर के लिए नींव डिजाइन की समीक्षा और सिफारिशों के लिए संबंधित क्षेत्र में प्रतिष्ठित इंजीनियरों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इसका उद्देश्य विभिन्न भू-तकनीकी सुझावों को ध्यान में रखते हुए उच्चतम गुणवत्ता और दीर्घायु के साथ मंदिर का निर्माण करना है।
इकोफ्रैंडली होगी धन्नीपुर मस्जिद अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मिली पांच एकड़ भूमि पर बनने वाली धन्नीपुर मस्जिद अत्याधुनिक ईको फ्रेंडली बिल्डिंग के रूप में नजर आएगी। यह इमारत फुटबाल जैसी गोल होगी। इसे जीरो एनर्जी बिल्डिंग के रूप में बनाया जाएगा। यानी इमारत में खपत भर की बिजली यहीं बनाई जाएगी। इसके लिए इमारत की छत पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए ईको फ्रेंडली इस इमारत के बाहरी हिस्से में हरियाली के लिए दुनियाभर से दुर्लभ पौधों को यहां लाकर लगाया जाएगा। पांच एकड़ भूमि में मस्जिद, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, लाइब्रेरी, कम्युनिटी किचन, म्यूजियम व रिसर्च सेंटर आदि के निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन का गठन किया है। मस्जिद परंपरागत स्वरूप से हटकर अत्याधुनिक स्वरूप में बनेगी।