1960 से रूस में रामलीला का मिलता है इतिहास रूसी राम के नाम से प्रसिद्ध 12 कलाकार गेनादी पेचनीकोव के शिष्य हैं, जो कि रूसी-भारतीय मैत्री संघ ‘दिशा’ और अयोध्या शोध संस्थान अयोध्या के एक साथ की गई कोशिशों से रूसी कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे। बता दें कि रूस में सन् 1960 से रामलीला का इतिहास मिलता है, जहां गेनादी ने लगभग 20 साल रामलीला का मंचन किया है।
इस मामले में अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉक्टर योगेंद्र प्रताप का कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का ही फलस्वरूप ही भारत भूमि पर रामलीला का मंचन करने लिए विदेशी कलाकार पर आ रहे हैं।
इन देशों के कलाकार भी होंगे उपस्थित इस दीपावली पर होने वाले तीन दिवसीय दीपोत्सव कार्यक्रम में पहली बार अयोध्या की दिवाली की गूंज कई देशों में सुनाई देगी। यहां रूसी कलाकारों के साथ-साथ कंबोडिया, श्रीलंका, लाओस, ट्रिनिडाड, इंडोनेशिया से भी कलाकार और मेहमान आ रहे हैं।
द्वितीय दिव्य दीपोत्सव का होगा कार्यक्रम इसके साथ ही अयोध्या शोध संस्थान के द्वारा द्वितीय दिव्य दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सीता-राम स्वरूप व रंगोली प्रतियोगिता करवाई जाएगी। यह प्रतियोगिता दो चरणों में होगी, जिसमें प्रथम पुरस्कार 51 हजार, दूसरा पुरस्कार 31 हजार, तीसरा पुरस्कार 21 हजार व सांत्वना पुरस्कार पांच लोगों को दिया जाएगा जिसकी राशि 11 हजार रुपए रखी गई है। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आप www.rmlau.ac.in वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
बता दें कि सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने अयोध्या में दीप जलाकर दीपावली मनाने का फैसला किया। इस फैसले के तहत पिछले साल अयोध्या का सरयू तट दीपों से जगमगा उठा था। इतना ही नहीं, खुद योगी आदित्यनाथ भी वहां पहुंचे थे।
इस बार भी योगी सरकार दीपावली के आयोजन को ग्लोबल बनाने के लिए जुटी हुई है, जिसके तहत तीन दिनों तक चलने वाली तैयारियां चार नंवबर से शुरू हो जाएंगी। इसके साथ-साथ छोटी दीपावाली के दिन भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़ी झांकियां भी निकाली जाएंगी।