अयोध्या की तस्वीर बदलने के लिए नगर निगम चुनाव में साधू संत भी ठोंकेंगे ताल
अयोध्याPublished: Oct 24, 2017 01:39:59 pm
नगर निगम चुनाव के दौरान पार्षद पद के लिए कई साधू संत दावेदारी जता रहे हैं
अयोध्या . राम नगरी अयोध्या में निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो चुकी है इस वर्ष निकाय चुनाव में फैजाबाद अयोध्या दोनों जुड़वा शहरों को मिलाकर नगर पालिका से नगर निगम बनाया जा चुका है उसके आधार पर परिसीमन भी किया गया है इसमें फैजाबाद से 29 वार्डो का परिसीमन कर 45 तथा अयोध्या में 25 वार्डों का परिसीमन कर 15 वार्ड बनाया गया , कुल 60 वार्ड से मिलकर अयोध्या नगर निगम बनाया गया. नगर निगम अयोध्या में दो लाख इक्कीस हजार मतदाता है .फैजाबाद जिले का मुख्यालय होने के बाद भी पौराणिक धरोहर होने के चलते नगर निगम का दर्जा अयोध्या को ही मिला है क्यूँ की इसी पावन नगरी में भगवान राम का जन्म हुआ था . अयोध्या की पहचान भगवान राम के जन्म स्थान होने से है सियासी नजरिये से बेहद ख़ास है ,और वर्ष पार्यंत यहाँ राजनैतिक उथल पुथल रहती है इस वर्ष दो अलग-अलग नगर पालिका क्षेत्रों को एक में मिलाकर नगर निगम बनाने के बाद इस बार मेयर व पार्षदी पद के लिए दावेदारों की लाइन लगी है . केंद्र व राज्य में बीजेपी की सरकार होने के कारण बीजेपी में सबसे अधिक दावेदार हैं . वही सपा के लिए भी उम्मीदवारों में कमी नहीं तथा बसपा व कांग्रेस के कुछ निर्धारित लोगों को ही दावेदारी दी जानी मानी जा रही है . बीजेपी की सियासत में अयोध्या बेहद ख़ास रही है कहा ये भी जाता है कि राम मंदिर को लेकर बीजेपी सत्ता में भी आ चुकी है इस लिए अयोध्या में संतों में भी नगर निगम चुनाव के दौरान पार्षद पद के लिए कई साधू संत दावेदारी जता रहे हैं . संत रामदास ने बताया कि अयोध्या अब तक राजनीतिक दल दल में फंसी रही है राजनीति के कारण यहाँ का विकास नही हुआ है . नगर में सफाई बिजली व जल भराव की समस्या पनप रही है इसलिए अब संत इन पार्टियों के बीच उतर कर अयोध्या के विकास में सहयोग देंगे .अयोध्या की प्रमुख व प्राथमिक समस्या गंदगी है अयोध्या धार्मिक नगरी तथा सप्तपुरियों में श्रेष्ठ मानी जाने वाली नगरी है इसलिए यह क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है . अयोध्या में देश विदेश के लोग वर्ष भर आते हैं . अयोध्या फैज़ाबाद क्षेत्र के आसपास कोई उद्योग व कारखाना ना होने के कारण क्षेत्र में रहने वाले युवक व अन्य लोगो के आय का स्रोत भी नहीं बन पा रहा है और बेरोजगारी भी यहाँ के विकास में एक बड़ी बाधा मानी जाती रही है . जिससे यह क्षेत्र सबसे पिछड़ा माना जा रहा है.