संत समाज ने कहा पहले सत्यता की जांच 5 फरवरी 2020 में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठन किया गया। अयोध्या के संतो को शामिल न किए जाने से नाराजगी भी रही है। इस बीच संतों को मानने के लिये कई प्रयास किये गए। लेकिन अभी तक संत समाज को पूरी तरह सहमत नही कर सका है।और अब इस प्रकरण के बाद एक बार फिर संत ट्रस्ट से नाराज हैं लेकिन कई हिन्दू संगठनों से जुड़े होने के कारण खुलकर सामने नही आ रहे हैं। लेकिन राम जन्मभूमि के मुख्त पुजारी सहित अन्य संत समाज नाराज है अब पहले इस मामला की जांच कराए जाने के पक्ष में है।
रामलला की संपत्ति का दुरुपयोग करना उचित नही : सत्येंद्र दास राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अब इसमें संशय होगा ही जिसके सामने अब मामला जाएगा कि 2 करोड़ की भूमि अट्ठारह कोई में खरीदी गई। और इस मामले का अंत तभी है जब यह पूरी तरह जांच हो। वही कहा कि आज जो पैसा आया है वह रामलला का है। और इस पूरे संपत्ति का अधिकार रामलीला ही हैं। और उसके संपत्ति का दुरुपयोग करना या किसी प्रकार से उचित नहीं है।
पीएम व गृहमंत्री से सीबीआई जांच की अपील वही हनुमान गढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा कि ट्रस्ट का कहना है कि उन लोगों ने बहुत पहले ही एग्रीमेंट कराया था लेकिन इस जमीन को आज के हिसाब से खरीदा गया है लेकिन यह विषय बहुत ही गंभीर है क्योंकि यह हम लोगों ने और हिंदू जनमानस में एक एक रुपया दिया था कि भव्य राम मंदिर का निर्माण हो। लेकिन इस पैसे को बिचौलिया खा रहे हैं तो यह दुर्भाग्य है और देश के प्रधानमंत्री व गृह मंत्री से मांग करता हूं कि इस मामले में सीबीआई जांच हो। यही नहीं राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा जहां कहीं भी जमीन खरीदी गई उन सभी जमीनों के सत्यता की जांच की जाए आरोप सिद्ध होता है तो इन लोगों से पैसे की रिकवरी की जाए और इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही हो।