अयोध्या में गीता जयंती के साथ अयोध्या के संत विवादित ढांचा विध्वंस पर शौर्य दिवस भी मना रहे हैं संतों का मानना है कि 6 दिसंबर 1992 को जब विवादित ढांचे को लाखों कार सेवकों द्वारा गिराया गया उस दिन भी गीता जयंती थी और उसी समय से गीता जयंती प्रतिवर्ष संतों द्वारा मनाते आ रहे है इस वर्ष बेहद खास रूप में मनाया जा रहा है क्योंकि आज विवादित भूमि रामलला को समर्पित किया जा चुका है। इसके साथ ही अब मंदिर निर्माण में किसी भी प्रकार से बाधा ना आए। जिसको लेकर बड़ी संख्या में वेद विद्वानों द्वारा गीता का पाठ किया गया।
अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास ने कहा कि आज एकादशी पर्व पर बाल्मीकि भवन में महंत नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में गीता जयंती का आयोजन किया गया है जिस प्रकार से द्वापरयुग में अर्जुन के द्वारा धर्म की स्थापना किया गया उसी तरह आज सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला देकर धर्म की स्थापना की है इसी कारण इस वर्ष यह गीता जयंती बड़ा ही उत्साह से अयोध्या के संत मना रहे हैं अब भगवान श्री राम का भव्य मंदिर निर्माण होने जा रहा है।
वही संत आनंद शास्त्री ने बताया कि 6 दिसंबर 1992 को लाखों राम भक्तों के द्वारा विवादित ढांचा विध्वंस किया गया था उस दिन भी गीता जयंती का पर्व था उसी उपलक्ष में आज भी गीता जयंती को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जा रहा है और इस गीता पाठ के माध्यम से राम मंदिर निर्माण में बाधा बनने वाले लोगों को सद्बुद्धि मिले ऐसी कामना भी भगवान से की गई हैं।
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि 6 दिसंबर 1992 के बाद लगातार 6 दिसंबर को राम भक्तों द्वारा शौर्य दिवस मनाए जाने की परंपरा रही है लेकिन इस वर्ष यह कार्यक्रम गीता जयंती पर मनाया जा रहा है यह कार्यक्रम विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के द्वारा पूरे देश में चलाया जा रहा है। गीता जयंती के दिन ही अयोध्या कि उस कलंकित ढांचे को लाखों कारसेवकों ने गिरा दिया था और आज उस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण होने जा रहा है।