scriptज्ञानवापी सर्वे में शिवलिंग मिलने के बाद संतों ने किया दावा, जाने कही बड़ी बात | Saints claimed after getting Shivling in Gyanvapi survey | Patrika News

ज्ञानवापी सर्वे में शिवलिंग मिलने के बाद संतों ने किया दावा, जाने कही बड़ी बात

locationअयोध्याPublished: May 16, 2022 11:53:52 pm

Submitted by:

Satya Prakash

काशी ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर चल रहे सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के बाद मचा हड़कंप संतो ने कहा अब खुद को भी हिंदुओं के पक्ष में देना चाहिए आदेश

ज्ञानवापी सर्वे में शिवलिंग मिलने के बाद संतों ने किया दावा, जाने कही बड़ी बात

ज्ञानवापी सर्वे में शिवलिंग मिलने के बाद संतों ने किया दावा, जाने कही बड़ी बात

अयोध्या. काशी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के बाद अब संतो ने दावा किया है कि अब किसी की जरूरत नहीं मुस्लिम समाज के लोगों को भी चाहिए कि हिंदुओं का यह स्थल सौंप दें। दर्शन ज्ञानवापी मामले पर चल रहे सर्वे और वीडियोग्राफी कार्य में लगभग 80% से अधिक का कार्य पूरा हो चुका है। हिंदू धर्म गुरुओं की माने तो सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग और तहखाने मैं मिले कई शीला पट यह साफ इशारा करते हैं कि वह कभी मंदिर रहा होगा।
साफ हुआ मंदिर को तोड़कर बनाई गई मस्जिद

श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि वह जिस रूप से मस्जिद बनाई गई है वह मंदिर तोड़कर बनाई गई है जिसका साक्ष्य बाहर ही दिखाई देता है आधा भाग मंदिर का टूटा हुआ आज भी है आप देखते होंगे मीडिया में बराबर आता रहता है इसके लिए कोर्ट ने चाहा की साक्ष्य चाहिए । और साक्ष्य के लिए जो सर्वे हुआ है वह सर्वे स्पष्ट हो गया है कि यह मंदिर तोड़कर मस्जिद बनी है और जो भी चिन्ह वहां मिले हैं वह केवल मंदिर में ही मिलते हैं मस्जिद में नहीं मिलते हैं ऐसी स्थिति में ज्ञानवापी भगवान शिव का मंदिर है। सत्येंद्र दास ने कहा कि वह मस्जिद नहीं है इसलिए तत्काल इस प्रमाण के आधार पर कोर्ट को हिंदू पक्ष में आदेश दे देना चाहिए क्योंकि जब हिंदू पक्ष के सारा सबूत है और मस्जिद का कोई सबूत नहीं है तो इनके शरीयत में की मंदिर तोड़कर जबरदस्ती किसी जमीन पर मंदिर बनाया जाए ऐसे जगह पर नमाज अदा करने का मुस्लिम समाज में अधिकार नहीं है ऐसा मुसलमान स्वयं कहते हैं ऐसी स्थिति में जब स्पष्ट हो गया है कि भगवान शिव का मंदिर तोड़कर मस्जिद बनी है आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि ऐसी स्थिति में उनको मस्जिद छोड़ देनी चाहिए क्योंकि एक मुसलमान ने कहा है कि यदि यह साबित हो जाता है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनी है तो हम स्वत: ही छोड़ देंगे ऐसी सद्बुद्धि उनको मिले इस को तत्काल वापस कर दे।
मोहम्मद काशी और औरंगजेब मंदिर को तोड़कर बनाया था ज्ञानवापी

जगतगुरु राम दिनेशाचार्य ने कहा कि जब भी मुगलों का आक्रमण सनातन धर्म पर हुआ है तो मुगलों ने धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया है बिन कासिम और औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़कर वहां पर मस्जिद बनाई थी ज्ञानवापी मस्जिद को देखने के बाद साफ पता लगता है कि नीचे मंदिर का स्वरूप है और ऊपर जल्दी-जल्दी में कोई ढांचा बनाया गया है उन्होंने हमारी आस्था के प्रतीक मंदिरों को तोड़कर के हमारी आस्था को तोड़ने का काम किया था वही जगतगुरु राम दिनेश आचार्य ने कहा कि जो भी मुस्लिम वर्ग के लोग पढ़े लिखे और समझदार हैं यह बात मुस्लिम समाज के लोगों को समझनी चाहिए कि कोई भी साक्ष्य यदि चलता है तो सत्य के आधार पर ही चलता है पर यह सत्य है कि यहां पर मंदिर से पूरे देश की पहचान थी वही अयोध्या फैसले की मिसाल देते हुए कहा कि इतना बड़ा अयोध्या मामले का फैसला न्यायपालिका ने हमारे पक्ष में दिया है तो ऐसे ही काशी और मथुरा का भी फैसला सुनाइए पढ़े लिखे और समझदार नागरिक होने के नाते मुस्लिम समाज के लोगों को इस को स्वीकार करना चाहिए और जो हिंदुओं के आस्था के केंद्र हैं जो गलती मुगल शासकों ने किया है वह गलती आज नहीं होनी चाहिए और इसको स्वीकार करना चाहिए।

ट्रेंडिंग वीडियो