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Sawan 2019 : सावन में भगवान शिव की आराधना करते समय रखें इन बातों का ध्यान नही तो होगा नुकसान

locationअयोध्याPublished: Jul 19, 2019 12:32:28 pm

सावन में भगवान् शिव की आराधना का है विशेष लाभ लेकिन जानकारी के अभाव में अक्सर हो जाती हैं गलतियां

Sawan 2019 Lord Shiv Pooja Abhishek Vidhi and Muhurt

Sawan 2019 : सावन में भगवान शिव की आराधना करते समय रखें इन बातों का ध्यान नही तो होगा नुकसान

अयोध्या : शुक्रवार ( Friday ) से भगवान शिव की आराधना का विशेष मास सावन ( Sawan 2019 ) शुरू हो गया है | अब आने वाले 30 दिनों तक पूरे देश भर में भगवान शिव ( Lord Shiva ) के मंदिरों में शिव भक्तों की कतार लगी रहेगी | सावन के इन 30 दिनों में शिवभक्त जलाभिषेक ,दुग्ध अभिषेक और रुद्राभिषेक ( Rudrabishek ) के अलावा विशेष मंत्रों का जाप कर भगवान शिव की आराधना करते हैं | पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है और इसी लिए सावन के इस 30 दिनों में शिव मंदिरों में शिव भक्तों की कतार लगी रहती है | वर्ष 2019 का सावन इसलिए भी बेहद खास और शुभ है क्योंकि इस बार सावन पूरे 30 दिन तक रहेगा और मास में चार सोमवार चार मंगलवार पड़ रहे हैं | ऐसे में यह जानना भी जरूरी है कि आखिरकार सावन के पवित्र मास में भगवान शिव की आराधना और पूजा कैसे की जाए |
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सावन में भगवान् शिव की आराधना का है विशेष लाभ लेकिन जानकारी के अभाव में अक्सर हो जाती हैं गलतियां

सावन मास में भगवान शिव की आराधना करने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए और भगवान शिव का स्मरण कर पानी में कुछ काले तिल डालकर स्नान कर लेना चाहिए जिसके बाद महामृत्युंजय महामंत्र ( Mahamrityunjay Jap ) का जाप करने से तमाम कष्टों का नाश होता है भगवान शिव की आराधना करने के लिए इसके अलावा शिव पुराण मंत्र ( Shiv Puran ) , सहित अन्य ग्रंथों में भी पूजा आराधना का उल्लेख और महत्व बताया गया है | सावन के 30 दिन भगवान शिव की विशेष आराधना के लिए प्रतिदिन भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए और ओम नमः शिवाय ( om namah shivay ) महामंत्र का जाप करना चाहिए |
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पूजा पाठ करते समय इस बात का भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि पूजा अर्चना विधि के दौरान किन चीजों का प्रयोग किया जाना चाहिए और किन का नहीं | विशेष रूप से सावन मास में भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए गंगाजल ( Gangajal ) अक्षत गाय का दूध भांग धतूरा आदि वस्तुएं भगवान शिव को समर्पित की जाती हैं | लेकिन भगवान शिव की आराधना करते समय तुलसी के पत्ते ,हल्दी ,नारियल पानी और रोली का प्रयोग पूर्णतया वर्जित है | वही भगवान शिव का अभिषेक करते समय शंखनाद वर्जित है और ना ही शंख से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है | पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था इसलिए उनकी पूजा में शंख का प्रयोग निषेध है | यह वह कुछ आसान उपाय हैं जिनका प्रयोग कर सावन मास में भगवान शिव की आराधना पूजा की जा सकती है और भगवान शिव की कृपा पाई जा सकती |

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