बोले आजम खां-शहीद कारसेवको को मिले शहीद का दर्जा
अयोध्याPublished: Nov 02, 2017 10:30:20 pm
कहा-जो कारसेवक शहीद हुए थे, उन्हें इंसाफ दिलाने आज अयोध्या आया हूं।
अयोध्या. 2 नवंबर 1992 में कारसेवकों के कारसेवा के दौरान शहीद हुए रामभक्त कारसेवकों के बलिदान दिवस पर मुस्लिम मुस्लिम राष्ट्रीय कारसेवक मंच के अध्यक्ष आजम खान अयोध्या पहुंचे जहां अयोध्या के दिनबन्धु चिकित्सालय में गरीबों को शहीद कारसेवकों की याद में फल वितरण किया तथा अयोध्या में रह रहे शहीद कारसेवकों के परिवार से भी मुलाकात की। मोहम्मद आजम खान कारसेवकों में शहीद वासुदेव गुप्ता, रमेश पांडे तथा राजेश धरकार के परिवार से मिले और उनके परिवार से मिलकर सहायता स्वरूप 11000 दिए तथा उनके परिवार को और सरकारी मदद के लिए दिलासा भी दिखाया।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अध्यक्ष मोहम्मद आजम खान ने बताया कि जो कारसेवक शहीद हुए थे उन्हें इंसाफ दिलाने आज अयोध्या आया हूं। आज कारसेवक कारसेवा में शहीद हुए थे। आज का दिन बलिदान दिवस है, जो सच्चे भक्त कारसेवा में शहीद हुए थे। ये मासूम थे। इन्हें जानबूझकर गोली से मारा गया। यह राम भक्त राम मंदिर के लिए अपना और अपने परिवार की कुर्बानी दी।
उन्होंने कहा कि हम सरकार से इन शहीद कारसेवकों के शहादत के लिए इन्हें शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग भी करेंगे तथा शहीद कारसेवकों के परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद तथा उनके परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की भी मांग सरकार द्वारा किया जाएगा, तब जाकर इन शहीद लोगोंं को इंसाफ मिलेगा और एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
देश में राजनीति राम के नाम की ब्रांडिंग बंद कर दें तथा राम के नाम को बेचना भी बंद कर दें। यदि राम की सच्ची श्रद्धा है तो मंदिर के लिए आगे बढ़ें हर व्यक्ति बहुत ही महत्वपूर्ण है, जो सच्चे नियत के साथ सामने आता है और श्री श्री रविशंकर जी जो समझौते के लिए आगे आए हुए हैं, उन्हें पहले पूरी सच्चाई का पता होना चाहिए कि यहां पर 1992 में क्या हुआ था। इस स्थान पर मध्यक्षता की कोई बात ही नहीं है।
मध्यक्षता वहां पर होता है जिस स्थान पर होता है जहाँ पर कोई विवाद हो आम मुसलमान इस विवाद से दूर है। सभी आम मुसलमान या हिंदू मंदिर चाहता है यह दो भाइयों के बीच का मामला है जो हम लोग बैठ कर दूर कर लेंगे यह मुद्दा हिंदू मुसलमान का नहीं है। तो समझौता किससे करेंगे तथा बताया कि यह मामला भारतीयता का है, राम भारतीयता का दूसरा नाम है इसमें कोई सुलह समझौते की बात नहीं है, बस अब समय आ गया है कि राम मंदिर का निर्माण शीघ्र होगा।