श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राममंदिर में अनेक खूबियां होंगी। मंदिर के गर्भगृह में सूर्य की किरणें भगवान के चरणों को स्पर्श करते हुए गर्भगृह को प्रकाशमान करेंगी। इस तरह की व्यवस्था कोणार्क के सूर्य मंदिर में है। तकनीक विदों से इस संबंध में परामर्श लिया जा रहा है। गौरतलब है कि कोणार्क के सूर्य मंदिर में एक निश्चित समय पर सूर्य की किरणें पहुंचती हैं और गर्भगृह को प्रकाशमान करती हैं।
नवंबर में फर्श का काम राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। मंदिर की नींव के दूसरे चरण का काम चल रहा है। नवंबर माह से मंदिर की फर्श को तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। और अप्रेल से पत्थरों को लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
दर्शनार्थी देख सकेंगे पत्थरों की तैयारी रामजन्मभूमि परिसर में श्रीराम लला का दर्शन करने वाले भक्त अब मंदिर निर्माण के हर पहलू का दर्शन कर सकेंगे। अब यहां राम मंदिर के मॉडल को स्थापित कर दिया गया है। इसी के साथ जिन पत्थरों से मंदिर का निर्माण हो रहा है उनकी तराशी के काम को भी भक्त देख सकेंगे। मंदिर कार्यशाला में रखें पत्थरों के कुछ हिस्सों को दर्शन मार्ग पर भी लगाया जा रहा है।
मोहन भागवत देखेंगे निर्माण प्रगति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत अयोध्या दौरे के दौरान रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण की भी जानकारी लेगें। उनके साथ संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, सह सर कार्यवाह कृष्ण गोपाल, नवनियुक्त सह सर कार्यवाह अरुण कुमार और शारीरिक प्रमुख सुनील कुलकर्णी, सह प्रमुख जगदीश सहित 45 प्रांतों से लगभग 500 संघी कार्यकर्ता होंगे।