आज रामनवमी पर भगवान श्री राम का जन्म कर्क लग्न में दोपहर 12 बजे हुआ था । तभी से भगवान राम का जन्मोत्सव चैत्र की नवमी तिथि को दोपहर 12 बजे मनाया जाता है । जन्मोत्सव के दौरान चारों भाइयों सहित सोने का मुकुट धारण करेंगे । 1992 से लेकर अब तक रामलला चांदी के मुकुट में सोने की पॉलिश का मुकुट धारण करते रहे है । लेकिन अब रामलला चारो भाई शुद्ध सोने का मुकुट धारण करने जा रहे है । यह मुकुट राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को किसी भक्त ने गोपनीय दान किया था। मुकुट व भगवान के भोग के लिए चांदी का थाल , कटोरी , चम्मच , गिलास की कीमत 11 लाख रुपये बताई जा रही है ।
श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास का कहना है कि ट्रस्ट को किसी भक्त ने रामलला को पहनने के लिए सोने का मुकुट अर्पित किया है । भगवान राम को चारों भाइयों सहित यह सोने का मुकुट आज राम जन्मोत्सव के दिन नए वस्त्र पहना कर धारण करेंगे। आचार्य सतेंद्र दास का कहना है कि कोरोना संकट की घड़ी में भी रामलला का जन्मोत्सव वैसे ही मनाया जाएगा जैसे पहले मनाते रहे है । पूजा अर्चना , भोग राग , में कोई परिवर्तन नही किया गया है । राम जन्मोत्सव में भगवान राम को तीन तरह की पंजीरी का प्रसाद भोग लगाया जाएगा । पंचामृत से रामलला का स्नान कराया जाएगा । सजे बाद पेड़ा , फल , फलाहारी पकौड़ी से भगवान का भोग लगाया जाएगा । दोपहर 12 बजे भगवान को सरयू जल से स्नान कराएंगे , उंसके बाद इत्र का लेप भगवान के बाल रूप विग्रह पर लगाया जाएगा । फिर भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराया जाएगा । नए वस्त्र के साथ भगवान राम चारो भाइयों सहित सोने का मुकुट धारण करेंगे । सजे बाद जन्म की अन्य वैदिक प्रक्रिया करेंगे । भगवान को पकवान का भोग लगाया जाएगा । जिसमे केसर युक्त खीर का भोग रहेगा । इस बार राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने विशेष तरह का पैकेट छपवाया है जिसमे भोग का प्रसाद लोगो के यहां तक पहुचाया जाएगा । इस सबके के बीच कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कोई श्रद्धालु रामलला के दर्शन पूजन और जन्मोत्सव में शामिल होने नही जा सकेगा । दुख इस बात का है कि कोरोना महामारी के चलते रामलला का प्रसाद श्रद्धालु मौके पर नही पा पायेगा ।