परिसर में जाते ही त्रेता युग का एहसास करेंगे श्रद्धालु राम नगरी अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के साथ त्रेता युग का भी एहसास कराया जा सके। इसके लिए मंदिर निर्माण स्थल के साथ 11 अन्य स्थलों के बीच सुंदरीकरण का कार्य के जाने की योजना है इसके लिए ट्रस्ट मी पहले ही सभी स्थलों का सर्वे करा चुकी है जिससे उनकी गरिमा के अनुरूप उन स्थलों का विकास किया जा सके। और भगवान श्री रामलला का दर्शन करने वाले श्रद्धालु परिसर में प्रवेश होते ही त्रेता युग का एहसास करने के साथ इन पौराणिक स्थलों का भी दर्शन प्राप्त कर सकें।
राम जन्मभूमि परिसर में 11 स्थलों का होगा सुंदरीकरण राम जन्मभूमि परिसर में स्थित 11 पौराणिक स्थलों में सीता कूप अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। इसके साथ ही कुबेर किला, कुबेर टीला पर स्थित भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग, सीता रसोई, नल नील, सुग्रीव टीला भी प्रमुख स्थल है। भगवान श्रीराम के गर्भगृह के अग्नि कोण स्थित सीता कूप के सुंदरीकरण का कार्य किया जा रहा है। जिसे पत्थरों से सजाया जा रहा है। तो वहीं उसके आसपास साफ-सफाई कर हरियाली विकसित की जा रही है। इस स्थल को लेकर ऐसी मान्यता है कि देश सभी तीर्थ स्थलों का जल इसमें समाहित है। और अयोध्या नगर में होने वाले धार्मिक व मांगलिक कार्यक्रमों इस स्थल के जल का प्रयोग किया जाता है।
राम जन्मभूमि परिसर को लेकर हुए कई अहम फैसले
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर में कई पौराणिक प्राचीन स्थल चिन्हित किए गए हैं जिनको उनके गरिमा के अनुरूप विकसित कर धरोहर को संरक्षित करने का कार्य ट्रस्ट के द्वारा कराया जाएगा इसी क्रम में सीता कूप पर सुंदरीकरण का कार्य चल रहा है। तो वही बताया कि रामलला के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को रामायण युग का भी एहसास कराया जा सके। इसके लिए रामायण कालीन के रूप में परिसर को विकसित किया जाएगा।