उन्होंने कहा श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान समाज को एक सूत्र में निरूपित करने के लिए अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान और जनजागरण के कार्यक्रम आयोजित किए गये। समाज को सदैव विश्वास रहा कि एक न एक दिन भगवान श्रीराम लला अपने दिव्य मंदिर में विराजमान होंगे। उन्होंने कहा 8 नंवबर 1989 को श्रीराम जन्मभूमि निर्माण हेतु देश के दो लाख 75 हजार गांवों में श्रीराम शिलापूजन के कार्यक्रम किये गये थे। इस बार विहिप और संतधर्माचार्यों ने उन लाखों स्थानों पर चैत्रवर्ष प्रतिपदा यानि 25 मार्च से हनुमान जयंती आठ अप्रैल तक श्रीराम महोत्सव मनाने का उद्घोष किया है। देश भर के विभिन्न प्रांत कार्यक्रम की तैयारी में लगातार सक्रिय हैं। प्रत्येक प्रांतों मेंबैठकों का क्रम जारी है। कार्यकर्ता और समाज के समन्वय से यह धार्मिक अनुष्ठान व्यापक स्वरूप प्राप्त करेगा।
इससे पूर्व प्रत्येक जिलों ने श्रीराम महोत्सव के आयोजन को लेकर अपने आकड़े प्रस्तुत किए। विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अम्बरीष ने बताया कि इस प्रांत में 6000 से ज्यादा स्थानों पर महोत्सव का आयोजन होगा। जिसमें श्रीराम चरित्र मानसपाठ, शोभा यात्राएं, साधु-संतों के प्रवचन भगवान श्रीराम की मूर्ती या चित्रों की स्थापना करके वैदिक रीति रिवाज के अनुसार पूजन-अर्चन किया जाएगा। बैठक मे प्रांतीय संगठन मंत्री राजेश, सहमंत्री गोविंद शाह, सहसंयोजक महेश तिवारी, चौरासी कोसी परिक्रमा प्रभारी सुरेन्द्र सिंह, बजरंग दल नेता राकेश वर्मा, कोषाध्यक्ष अलोपी शंकर मौर्य, संपर्क प्रमुख ब्रजेन्द्र सिंह चौहान, सेवा प्रमुख देवेन्द्र, विभामंत्री धीरेश्वर वर्मा, वीरेन्द्र, शरद शर्मा आदि उपस्थित रहे।