हिंदुओं को लेकर भी कोर्ट ले संज्ञान : राजू दास कोर्ट का आदेश सर्वमान्य है हम सभी को है और होना भी चाहिए क्योंकि संविधानिक पीठ के द्वारा जब आम जनमानस को सरकार और कानून से न्याय नहीं मिलता तो वह कोर्ट की शरण में जाता है। और आज नूपुर शर्मा के मामले में कोर्ट ने जो फटकार लगाई है कोर्ट को साधुवाद है लेकिन किसी को भी या अधिकार नहीं है कि किसी भी धर्म के बारे में टिप्पणी करने का चाहे वह हिंदू पक्ष हो या मुस्लिम पक्ष लेकिन किसी ने बोला उसके उत्तर में नूपुर शर्मा के द्वारा जवाब दिया गया कि आप बोल रहे हो तो मैं भी यह कह सकती हूं और कोर्ट ने जो आज कहा कि आप के नाते पूरे देश का माहौल खराब हुआ है देश के हित के लिए नूपुर शर्मा को माफी मांग लेनी चाहिए लेकिन उच्चतम न्यायालय से अपील करूंगा कि देश में तमाम ऐसे भी विषम परिस्थिति उत्पन्न हो रहा है जिस पर ना तो सरकार संज्ञान ले रही है और ना प्रशासन के लोग संज्ञान ले रहे हैं आज देश में लगातार निर्मम हत्या को रहा है। लेकिन यदि हम तलवार उठा कर किसी का गला काटने पहुंच जाएं तो यह न्याय प्रणाली और संवैधानिक प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। तो इस के नाते और भी विषय है जिसको संज्ञान में लेकर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रशासन को अनुमति दें।
फैसले के पहले कोर्ट को होनी चाहिए पूरी जानकारी : सत्येंद्र दास आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जब कोर्ट को असलियत नहीं मालूम होती उन लोगों का जो आरोप होता है यदि उसके ऊपर जजमेंट देना होता है तो इसी प्रकार की भाषा कोर्ट बोलती है उसने क्या कहा है किस रूप में कहा उस पर अपनी शक्ति मुसलमान दिखाने लगी कि हम हिंदुस्तान में किस प्रकार से शक्तिशाली हैं जो बात उनके ग्रंथों में लिखा हुआ है कि 6 वर्ष की लड़की से निकाह किया है। और इस बात को मुस्लिम जाकिर नाइक ने भी कहा लेकिन हिंदू होने के नाते यह पूरा आरोप नूपुर शर्मा के ऊपर आ लग गया। नूपुर शर्मा जो बातें कहा है उनके शास्त्रों में लिखा है ऐसी स्थिति में यह कहने लगे कि हमारे मोहम्मद साहब का अपमान हुआ है जबकि इस दौरान पहले उन्होंने भगवान शंकर का अपमान किया था उसके बाद यह बातें कही गई जिसको लेकर इतना विवाद किया जा रहा है यहां तक कि उसके समर्थन करने वाले की हत्या भी कर दी जा रही है इस प्रकार यह कोर्ट इस बात को लेकर जो फटकार लगाई है उसको समझना चाहिए कि कौन सी परिस्थिति में यह बयान दिया गया और जो बोला गया वह सत्य है और सत्य बोलने वाले के खिलाफ यदि विरोधी प्रचार करने में सक्षम हो जाए फोन का सत्य बोलना भी असत्य हो जाता है।