1 अक्टूबर को अयोध्या में हिंदू संगठनों की बैठक तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने बताया कि खास बातचीत करते हुए कहा कि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किये जाने को लेकर आज सनातन धर्म संसद का आयोजन किया गया है। जिसमे बड़ी संख्या में संत शामिल हुए हैं। भारत का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ था। और मुसलमानों को पाकिस्तान और बांग्लादेश दिय्या गया है।, वह सिर्फ चंद मुसलमानों को नहीं बल्कि सभी मुसलमानों को दिया गया है पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं को वोट देने का अधिकार नहीं है इसलिए भारत में मुसलमानों को वोट देने का अधिकार को समाप्त कर हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए जिसको लेकर आज साधु संत धर्माचार्य के इकट्ठा हुए थे और 1 अक्टूबर को पूरे देश के सभी राज्यों से कोई हिंदू संगठन के प्रतिनिधि अयोध्या पहुंचेंगे और 1 अक्टूबर को हिंदू सनातन धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा जिस पर सरकार से इस मांग को पूरा करने को लेकर विचार होगा वहीं अगर इस मांग को लेकर सरकार जल्द कोई फैसला नहीं देता है तो 2 अक्टूबर को सरयू नदी में जल समाधि लेंगे अगर जीते जी भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित ना किया जा सका तो शायद हमारे मरने के बाद देश के प्रधानमंत्री इस कार्य को पूरा करेंगे।
राजनीतिक पार्टियों से भी जुड़े हैं बड़े संत अयोध्या में हुई संतों की बैठक में किसी भी बड़े संत के शामिल होने को लेकर महंत परमहंस दास ने संतों पर राजनीतिक मंच से जुड़े होने का आरोप लगाया है ।उन्होंने कहा कि कई बड़े संत कुछ सपा से जुड़े हैं तो कुछ बसपा पार्टी से जुड़े हैं तो कुछ कांग्रेस से इसलिए सब की अलग अलग विचारधारा है लेकिन मेरा मानना है कि भारत यदि हिंदू राष्ट्र घोषित हुआ तो ही हिंदू बचेगा उसके बाद ही राम मंदिर भी बचेगी तभी देश बचेगा और संविधान भी बचेगा लेकिन अभी भी लोग अगर बैठे रहेंगे तो इसका दुष्परिणाम बहुत ही बुरा होने जा रहा है लेकिन इस मांग को लेकर एक ना एक दिन सभी संत धर्माचार्य हमारे साथ होंगे।