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राम नगरी अयोध्या की सुरक्षा से जुड़ा बड़ा मामला- बिखरे हैंड ग्रेनेट की सूचना से हड़कम्प

locationअयोध्याPublished: Jun 27, 2022 02:46:02 pm

Submitted by:

Satya Prakash

अयोध्या के कंटोनमेंट क्षेत्र से सटे निर्मली कुंड के पास मिला 1 दर्जन से अधिक हैंड ग्रेनेट, मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीम कर रही जांच

राम नगरी अयोध्या की सुरक्षा से जुड़ा बड़ा मामला- बिखरे हैंड ग्रेनेट की सूचना से हड़कम्प

राम नगरी अयोध्या की सुरक्षा से जुड़ा बड़ा मामला- बिखरे हैंड ग्रेनेट की सूचना से हड़कम्प

अयोध्या. राम नगरी अयोध्या और डोगरा कंटोनमेंट क्षेत्र की सुरक्षा से जुड़ी बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें डोगरा रेजिमेंट क्षेत्र स्थित निर्मली कुंड के पास एक नाले में हैंड ग्रेनेड पड़े होने की सूचना मिली। घटना की जानकारी मिलने के बाद मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीम पहुंची तो कुछ ही दूरी पर पेड़ों की झाड़ियों के बीच 18 ग्रेनिक पड़े मिले। सुरक्षा अधिकारियों की माने तो कोई बड़ी घटना भी हो सकती थी।
अयोध्या और कंटोनमेंट क्षेत्र की सुरक्षा पर बड़ा सवाल

अयोध्या जनपद में डोगरा क्षेत्र सेना की निगरानी में रहता है क्षेत्र में रात के 10:00 बजे के बाद यहां से आवाजाही भी मना रहता है। लेकिन अयोध्या कंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्र जहां सेना सेंटर में प्रैक्टिस होती वह भी लगभग 3 किलोमीटर दूर है। उस स्थान पर हैंड ग्रेनेड मिलना सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। मिलिट्री इंटेलिजेंस की माने तो मिले हैंड ग्रेनेड को नष्ट कर दिया गया है इसकी जानकारी अयोध्या पुलिस को भी दी गई है। अयोध्या एसएसपी शैलेश कुमार पांडे इस मामले को लेकर कहा कि इस तरह की ग्रेनाइट मिलने की सूचना डोगरा रेजीमट सेंटर के द्वारा एक पत्र के माध्यम से कैंट थाने में दी गई मिली थी। इन हैंड ग्रेनेड को नष्ट कर दिया गया है इससे अलावा और कोई सूचना नही है।
3 किलोमीटर दूर है कंटोनमेंट क्षेत्र का प्रैक्टिस सेंटर

अयोध्या कंटोनमेंट बोर्ड के चेयरमैन मिलन निषाद के मुताबिक निर्मली कुंड के रहने वाले एक स्थानीय युवक ने सबसे पहले इन हैंड ग्रेनेड को देखा । उसी ने यह जानकारी मिलिट्री इंटेलिजेंस को दी । हैंड ग्रेनेड मिलने का यह मामला निर्मली कुंड चौराहे के बगल स्थित नाले के पास का है । जहां एक तरफ सेना ने फेंसिग की है उसी के दूसरी तरफ झाड़ियों और पेड़ों के बीच यह पड़े मिले देखे गए । इनकी संख्या 1 दर्जन से अधिक है । बोर्ड के चेयरमैन मिलन निषाद सवाल भी करते हैं कि आखिर जो सेना का हैंड ग्रेनेड ट्रेनिंग सेंटर है वहां से लगभग ढाई से 3 किलोमीटर दूर यह हैंड ग्रेनेड आखिर वहां तक कैसे पहुंचे जहां बरामद हुए हैं । इतनी दूर इन्हें हाथों से फेंका नहीं जा सकता और नजदीक केवल शूटिंग रेंज है जहां इनको फेंकने की प्रैक्टिस नहीं होती है । ऐसे में यह मानवीय हाथों के जरिए ही यहां तक पहुंचे हो सकते हैं।
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