आगे उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि राम मंदिर के प्रति हिंदुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाएगा। स्वामी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड यहां मस्जिद के प्रति आस्था की बात नहीं करता, वह कहता है ये जमीन हमारी है, हम उसके ठेकेदार हैं। वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड को छोड़कर देश के सारे मुसलमानों की इच्छा है कि ये जमीन हिंदुओं को राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी जाए। पूरा विवाद सिर्फ गर्भगृह की 2.77 एकड़ जमीन को लेकर है, इसके अलावा सरकार द्वारा अधिगृहीत की गई 67.4 एकड़ जमीन पर कोई विवाद नहीं है। ये केंद्र सरकार के पास है वह इस पर जल्द ही मंदिर निर्माण कराने जा रही है। कहा कि ये फैसला पिछली सरकार में हो सकता था लेकिन हमने संयम बरता।