scriptशरद पूर्णिमा पर सांकेतिक रूप से मनाई गई 127 वर्ष पुरानी परंपरा | Symbolically celebrated went Sharad Purnima | Patrika News

शरद पूर्णिमा पर सांकेतिक रूप से मनाई गई 127 वर्ष पुरानी परंपरा

locationअयोध्याPublished: Oct 30, 2020 10:59:00 pm

Submitted by:

Satya Prakash

अयोध्या के दन्तधावन कुंड पर सीमित रूप से सजाई गई छीर साई भगवान की झांकी

शरद पूर्णिमा पर सांकेतिक रूप से मनाई गई 127 वर्ष पुरानी परंपरा

शरद पूर्णिमा पर सांकेतिक रूप से मनाई गई 127 वर्ष पुरानी परंपरा

अयोध्या : राम नगरी अयोध्या में 127 वर्षो से शरद पूर्णिमा की झाँकी लगातार परम्परागत तरीके से मनाया जाता है। लेकिन इस वर्ष होन वाले इस आयोजन को कोरोना के कारण सीमित कर इस कार्यक्रम को सांकेतिक रूप से मनाया गया।
अयोध्या में होने वाली धार्मिक आयोजनों पर कोरोना का असर रहा। जिसके कारण इस वर्ष शरद पूर्णिमा के मौके पर अयोध्या के दंत धावन कुण्ड में सीमित रूप में छीर साई भगवान की मनमोहक झांकी का आयोजन परम्परागत रूप से की गई। लेकिन कोविड 19 के तहत जारी एडवाइजरी के तहत श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल नहीं हो सके। शरद पूर्णिमा को लेकर ऐसी मान्यता है कि मध्य रात्रि चांद के किरणों से अमृत की वर्षा होती है। जिसको लेकर भारत आज भी लोग खीर बनाकर अपने आंगन में रखते है और मानते है कि खीर में अमृत गिरता है जिसके खाने से समस्त रोगों का नाश होता है।
आयोजन कर्ता के मुताबिक कोरोना के कारण इस वर्ष सीमित रूप से भगवान की झांकी सजाई गई है। अयोध्या में यह परंपरा वर्षों पुराना है। जिसकी परंपरा निभाया गया है।
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