अयोध्या में होने वाली धार्मिक आयोजनों पर कोरोना का असर रहा। जिसके कारण इस वर्ष शरद पूर्णिमा के मौके पर अयोध्या के दंत धावन कुण्ड में सीमित रूप में छीर साई भगवान की मनमोहक झांकी का आयोजन परम्परागत रूप से की गई। लेकिन कोविड 19 के तहत जारी एडवाइजरी के तहत श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल नहीं हो सके। शरद पूर्णिमा को लेकर ऐसी मान्यता है कि मध्य रात्रि चांद के किरणों से अमृत की वर्षा होती है। जिसको लेकर भारत आज भी लोग खीर बनाकर अपने आंगन में रखते है और मानते है कि खीर में अमृत गिरता है जिसके खाने से समस्त रोगों का नाश होता है।
आयोजन कर्ता के मुताबिक कोरोना के कारण इस वर्ष सीमित रूप से भगवान की झांकी सजाई गई है। अयोध्या में यह परंपरा वर्षों पुराना है। जिसकी परंपरा निभाया गया है।
आयोजन कर्ता के मुताबिक कोरोना के कारण इस वर्ष सीमित रूप से भगवान की झांकी सजाई गई है। अयोध्या में यह परंपरा वर्षों पुराना है। जिसकी परंपरा निभाया गया है।