राम विलास दास वेदांती ने कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर सरकार के स्तर पर चल रही तैयारी से लगता है। कि विश्व का सबसे बड़ा मंदिर बनेगा। वहीं कहाँ कि सरकार के सामने 1111 फुट ऊँचा मंदिर का शिखर बनाने को लेकर प्रस्ताव दिया है। भगवान श्री राम का भव्य मंदिर इस तरह होना चाहिए कि इस्लामाबाद से राम मंदिर के शिखर पर लगी लाइट दिखाई दे। जिससे विश्व में लोगों को पता चले कि यह भगवान श्री राम का भव्य मंदिर है। वहीं कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने तभी लगा कि अब मंदिर का निर्माण होगा। वही बताया कि सुप्रीम कोर्ट लगातार 40 दिनों तक सुनवाई की इस दौरान कांग्रेस ने अयोध्या के संतों को आपस में लड़ाने का प्रयास किया गया लेकिन सफल नहीं रहे। देश के सभी साधु संत सभी संप्रदाय के लोग एक हैं और सभी चाहते हैं कि राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अगुवाई में मंदिर का निर्माण हो।
वहीं वेदांती ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने जब राम मंदिर निर्माण का मॉडल तैयार किया था अब वह जमाना बदल गया है। वही बताया कि देश के कई बड़े मंदिरों को देखने के लिए हमें भेजा गया था जहां पर गुजरात मे दक्ष जिला के मांडवी तहसील में संकेश्वर मंदिर देखा जो 200 एकड़ में बना है और जिसमें 72 मंदिर मार्बल के बने हैं 40-40 फुट के बीम लगे हुए हैं वहीं उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर को भी देखा गया। इन मंदिरों को देखने के बाद लगता हैं अयोध्या में भी विशाल मंदिर बनाना चाहिए। बस इन मंदिरों की ऊंचाई कम थी । वहीं कहा कि विहिप के द्वारा तैयार किये गए मॉडल से ही मंदिर का निर्माण होगा। लेकिन कहा कि नया ट्रस्ट इसकी ऊंचाई व मॉडल क्या तय करता है यह टेस्ट निर्माण के बाद ही तय होगी।